Tue. Oct 22nd, 2024

सोमवार को शीर्ष अदालत ने शेल कंपनियों में निवेश और खनन पट्टे में अनियमितता को लेकर सोरेन के खिलाफ दाखिल की गईं जनहित याचिकाओं पर सुनवाई से इनकार कर दिया है। इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने झारखंड उच्च न्यायालय के उस आदेश को भी रद्द कर दिया है, जिसमें उसने इन याचिकाओं को सुनवाई योग्य माना था। 

इस मामले में याचिकाकर्ता के वकील ए राय ने बताया कि झारखंड सीएम हेमंत सोरेन के खिलाफ ईडी व सीबीआई जांच की मांग को लेकर दो जनहित याचिकाएं दायर की गई थीं। एक जनहित याचिका आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले में है, वहीं दूसरी याचिका अवैध खनन से संबंधित है। उन्होंने कहा,  वर्तमान में सीएम हेमंत सोरेन के खिलाफ कोई भी जांच लंबित नहीं है बता दें, सीएम हेमंत सोरेन के खिलाफ गलत तरीके से खनन लीज पट्टा आवंटन करने और उनके करीबियों द्वारा शेल कंपनियों में निवेश का आरोप लगाते हुए जनहित याचिका दायर की गई थी। इस याचिका की वैधता को झारखंड सरकार ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। हालांकि, झारखंड उच्च न्यायालय ने इस याचिकाओं को सुनवाई योग्य माना था। इसके बाद सोरेन ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। 17 अगस्त को इस मामले में शीर्ष अदालत ने सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया था। 

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