दरअसल मुख्यालय को बेचने की तैयारी आज से नहीं बल्कि लम्बे समय से की जा रही है। वर्तमान मेयर महापौर नीरज पाल ने अपने पहले बजट भाषण में सामान्य सभा में इस विषय को रखा था। जिसके तहत निगम की नई बिल्डिंग को पुराने ड्राइंग डिजाइन से ही तैयार किया जाएगा लेकिन इसका स्थल परिवर्तन किया जाएगा। निगम इसके लिए प्रियदर्शनी परिसर की भूमि निर्धारण किया गया है।
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निगम बेचने के मामले में विपक्ष ले रहा तकनीकी जानकारी
अपने कर्मचारियों को वेतन देने में भी असमर्थ रहने वाला नगर निगम अब अपने 4 एकड़ में फैले मुख्यालय को बेचने की तैयारी कर रहा है। नेशनल हाईवे से लगे हुए करोड़ों रुपए की जमीन को बेचकर नया नगर निगम बनाने की योजना पर काम किया जा रहा है। लेकिन इस पर अब राजनीति शुरू हो चुकी है। जिस पर विपक्ष के पार्षदों ने तकनीकी जानकारी जुटाना शुरू कर दिया है। वे इसके लिए वकीलों से सलाह भी ले रहे हैं। मुख्यालय निर्माण के लिए अब तक करीब 8 बार प्रशासन को बजट की मांग और संचित निधि से राशि लेने के लिए पत्र भेजा गया। लेकिन अब तक अनुमति नहीं मिली है।
लगभग 500 करोड रुपए से अधिक सालाना बजट वाला नगर पालिक निगम भिलाई में बीते दिनों दीपावली के मौके पर अपने कर्मचारियों को वेतन देने का संकट खड़ा हो गया था जिसके बाद संचित निधि से लगभग 9 करोड़ 64 लाख रुपए की राशि निकालकर कर्मचारियों का वेतन किया गया था। इसके अलावा निगम पर लगभग 29 करोड़ का बिजली बिल बकाया बताया जा रहा है। पिछली बार राज्य सरकार ने 10 करोड़ रुपए बिजली बिल का भुगतान किया था।