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धारचूला (पिथौरागढ़)। तंपा मंदिर के पास पहाड़ी टूटने से बंद तवाघाट-लिपुलेख राष्ट्रीय राजमार्ग तीसरे दिन भी यातायात के लिए नहीं खुल सका है। इस कारण पूजा के लिए अपने मूल गांवों में गए सीमांत के ग्रामीणों के साथ ही आदि कैलाश के 100 यात्री भी गुंजी में फंसे हैं।

लखनपुर और नजंग के बीच तंपा मंदिर के पास शुक्रवार शाम भूस्खलन होने से सड़क बंद हो गई थी। सड़क पर खतरनाक चट्टानें होने से पैदल आने में भी खतरा बना हुआ है। शनिवार शाम को कुछ देर मौसम ठीक होने पर चार गाइडों ने आठ आदि कैलाश यात्रियों को जान हथेली पर रखकर तंपा मंदिर के पास बोल्डरों के ऊपर से सकुशल निकलकर देर रात 9 बजे धारचूला पहुंचाया।

आदि कैलाश ट्रैक के संचालक नगेंद्र कुटियाल ने बताया कि उनके भी 22 यात्री आदि कैलाश के दर्शन करने बाद सड़क बंद होने से गुंजी में फंसे हैं। उन्होंने बताया कि तीन दिनों से सभी प्राइवेट टूर आपरेटरों के लगभग 100 यात्री सड़क बंद से गुंजी में फंसे हैं।
उपजिलाधिकारी नंदन कुमार ने बताया कि मौसम खराब होने के कारण हेलिकॉप्टर से रेस्क्यू कार्य नहीं हुआ। मौसम ठीक होने पर रेस्क्यू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि गुंजी में तहसीलदार डीके लोहनी एवं पटवारी डीसी जोशी यात्रियों और अन्य लोगों के लिए जरूरी सामान की व्यवस्था कर रहे हैं। लिपुलेख सड़क रविवार को बारिश के कारण तवाघाट से आगे गर्बाधार में बंद हो गई है। बीआरओ के अधिकारियों ने बताया कि मौसम सही होने पर दो दिन में सड़क खुल जाएगी। लगातार बारिश के सड़क खोलने में दिक्कतें आ रही है।

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