Sat. Jul 27th, 2024

जिला अस्पताल में पहली बार जन्मजात मोतियाबिंद की सफल सर्जरी की गई। आधुनिक (विट्रेक्टॉमी) मशीन के बिना अस्पताल के डॉक्टरों ने यह कारनामा कर दिखाया। इसके बाद तीन बच्चों को रोशनी मिल गई। आंखों की विशेषज्ञ और सर्जन डॉ. कल्पना जेफ ने यह ऑपरेशन किया। अन्य चिकित्सक डॉ. संजय बालवेंद्रे ने सहयोग किया। उन्होंने एनेस्थीसिया दिया। इन बच्चों में कोकड़ी निवासी 10 वर्ष का युवराज यादव, 9 वर्षीय अमर यादव और भेड़सर निवासी 5 वर्षीय रसिका सेन शामिल हैं।

रविवार की सुबह पट्टी बदलने के बाद तीनों को छुट्टी दे दी गई है। फालोअप में सात दिन बाद पुन: बुलाया गया है। जन्मजात मोतियाबिंद का यह जटिल ऑपरेशन करने वाली टीम में माया लहरे, विवेक सोनी, शत्रुधन सिंहा, खुशबू स्टेनले, शिवेन दानी, राजू डग्गर, संजय साहू शामिल रहे। ऑपरेशन के बाद 24 घंटे इन मरीजों को रखने के बाद रविवार को छुट्‌टी दे दी गई। वर्तमान में तीनों बच्चे पूरी तरह से स्वस्थ हैं। उनकी आंखों की रोशनी भी आ चुकी है।

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