मानवता स्वतंत्रता और सभ्यता पर हमला करार देते हुए मोदी ने कहा कि केवल एक समान एकीकृत शून्य सहिष्णुता दृष्टिकोण ही आतंकवाद को हरा सकता हैं। अंतरराष्ट्रीय संगठनों को यह नही सोचना चाहिए कि युद्ध नही हो रहा है। तो इसका मतलब शाति है। युद्ध भी खतरनाक और हिंसक होता है। कटृरपंथी देशो को नही मिले समर्थन उन्हांेने कहा जो कोई भी कटृरपंथी का समर्थन करता है। उसे किसी भी देश में समर्थन नही मिलना चाहिए।
सम्मेलन के भारत में आयोजना की अहमियत को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने बहूत पहले ही आतंकवाद की भयावहता को गंभीरता सें लेने की पहल की थी। मोदी ने कहा हम तब तक चैन से नही बैठेंगे जब तक आतंकवाद को उखाड़ नही फेका जाता। मोदी ने कहा कि आतंकवाद का दीर्घरुप सें गरीबों या स्थानीय अर्थव्यस्था पर चोट करता है। चाहे वह पर्यटल हो या व्यापार अगर आतंकवाद को मिल रहे आर्थिक सपोर्ट को चोट नहीं पहुंचाई गई तो अब तक आतंकवाद के खिलाफ जो कूटनीतिक बढ़त हमें हासिल हुई है, वो जल्द ही बेकार हो जाएगी। अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं ये बिल्कुल न समझें कि युद्ध नहीं हो रहा है तो शांति है। प्रॉक्सी वार भी खतरनाक और हिंसक हैं।