दो दिवसीय मधुमक्खी पालन कार्यशाला का उद्घाटन
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लोहरदगा(झारखंड): कृषि पशुपालन और सहकारिता विभाग ( उद्यान प्रभाग) राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन योजना अन्तर्गत दो दिवसीय मधुमक्खी पालन कार्यशाला का उद्घाटन नगर भवन, लोहरदगा में दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।
कार्यशाला में मधुमक्खी पालन, मधुमक्खी पालन के लाभ, मधुमक्खी पालन से पैदावार में बृद्धि, परागण क्रिया, मधु उत्पादन, मोम उत्पादन, मधुमक्खी पालन के कर्तव्य, मधुमक्खी का प्रेम, प्रशिक्षण, गुण एवं स्वभाव, मधु बक्स, मधु वाटिका, मधुमक्खी की जाति, क्षमता बृद्धि का प्रयास, मधुमक्खी की देख – रेख, निगरानी, मधुमक्खी की रक्षा, बकछूट,फसल चक्र का अध्ययन, मधु निष्कासन यंत्र का प्रयोग, मधुमक्खी परिवार के सदस्य, रानी, पुरूष, कर्मठ ( श्रमिक), मधुमक्खी का छत्ता, मधु पेटी, चौकी, मधुमक्खी गृह का निरीक्षण, निरीक्षण के समय ध्यान देने योग्य बातें, मौसम के अनुसार व्यवस्था, बसंत ऋतु, ग्रीष्म काल, मौन सून, पतझड़, शीतकाल की तैयारी, कृत्रिम भोजन व कृत्रिम पराग, मधुमक्खी को भोजन खिलाने की विधि, मधुमक्खी के लिए पराग, कृत्रिम पराग, मधुमक्खी के रोग, बीमार मधुमक्खी के लक्षण, रोगो से बचाव, मधुमक्खी के शत्रु, पतंगा, बडा पतंगा, छोटा पतंगा, रोकथाम के उपाय, झींगूर,ततैया, चींटी, पक्षी, भालू, मकड़ी, गिरगिट, अन्य शत्रु, मधु निष्कासन आदि पर चर्चाएं हुई।
जिला उद्यान पदाधिकारी, संतोष कुमार ने मधुमक्खी पालन के तरीकों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने उद्यान विकास की विभिन्न योजनाओं की भी जानकारी दी। जिला पशुपालन पदाधिकारी, डॉ रमेश उरांव, जिला सहकारिता पदाधिकारी, विजय प्रताप तिर्की ने महिला समूहों और सहकारिता समूहों, किसानों के लैम्स के माध्यम से मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम का संचालन एपीपी एग्रीगेट खूंटी के निदेशक प्रभाकर कुमार ने किया। उन्होंने मधुमक्खी पालन के विभिन्न आयामों विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बागवानी और मशरूम उत्पादन के तरीके और मूल्यसंबर्धक उत्पाद से आयबृद्धि की जानकारी दी। इस अवसर पर एपीपी एग्रीगेट खूंटी के राज्य प्रमुख, अनमोल कुमार ने सर्वप्रथम प्रार्थना से कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने ने किसानों को मधुमक्खी पालन के साथ कुछ सार्ग्भित बातों की भी जानकारी दी।