Sun. Mar 23rd, 2025
नई शिक्षा नीति आधारित शैक्षिक तकनीक यथा टीएलएम, पीएलएम के प्रयोग पर गहन चर्चा 
नरकटियागंज: लोक शिक्षा समिति मुजफ्फरपुर बिहार के तत्वावधान में गोदावरी देवी रामचंद्र प्रसाद सरस्वती विद्या मंदिर पुरानी बाजार नरकटियागंज में तीन दिवसीय आचार्य कार्यशाला का विधिवत समापन बुधवार हो गया। कार्यशाला के तीसरे व अंतिम दिवस गोदावरी देवी रामचंद्र प्रसाद सरस्वती विद्या मंदिर के प्रबंधन समिति के उपाध्यक्ष प्रदीप कुमार दुबे व विद्यालय के प्रधानाचार्य वाणी कांत झा ने संयुक्ततः दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम प्रारम्भ किया।
इस अवसर पर प्रधानाचार्य वाणी कांत झा ने  विगत सत्र 23-24 के कार्यक्रमों एवं उपलब्धियां के समीक्षा की गई। उन्होंने कहा कि भैया बहनों के विकास से आचार्य विकास, विद्यालय विकास, प्रबंधन समिति विकास  संभव है। सम्बंधित चार्ट/ टीएलएम /प्रोजेक्ट / अन्य शिक्षण सामग्री को ले जाना आवश्यक है। जिससे बच्चों का मस्तिष्क मनोवैज्ञानिक व तर्कात्मक विकास की ओर अग्रसर हो सके।
आचार्यगण विद्या भारती के दायित्व के अनुरुप अपने- 2 विभाग को गुणवतापूर्ण ढंग से विकसित करें। प्रधानाचार्य ने सत्र 2024- 2025 के लिए समय सारणी एवं निर्माण की प्रक्रिया आचार्य की रुचि के अनुसार तय किया। विद्यालय सर्वश्रेष्ठ कैसे हो इसके लिए शैक्षिक सह  शैक्षिक पाठ्यक्रम पर विचार किया सुलेख, बस्तावेश, गृह कार्य एवं कक्षा कार्य निष्पादन पर चर्चा किया गया।
शैक्षिक तकनीक के बारे में जैसे टीएलएम, पीएलएम के प्रयोग कैसे हो। गुरु पूर्णिमा, गुरु दक्षिणा, प्रतियोगिता, परिणाम, शुद्ध एवं सुंदर लेखन पर विचार करना, नवीन प्रयोग, संस्कार केंद्र, सेवा प्रकल्प का चिंतन किया गया।
तीन दिवसीय आचार्य कार्यशाला के दूसरे दिन विद्यालय प्रबंधन समिति के सचिव सुरेंद्र प्रसाद जायसवाल कार्यशाला में पहुंचे, जिनका स्वागत प्रधानाचार्य वाणी कांत झा व आचार्यगण ने किया। श्री जायसवाल ने आचार्य व भगिनी को सम्बोधित करते हुए कहा कि भारत के भविष्य निर्माण की जिम्मेदारी आप सबों के कंधों पर है। आप गुरुजन अपने कर्त्तव्य का निर्वहन गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा प्रदान कर करते रहेंगे। प्रधानाचार्य वाणी कांत झा ने आचार्य और भगिनी को शिक्षण पर आधारित व्यवहारिक टिप्स दिया, जिससे विद्यालय के भैया-बहन उज्ज्वल भविष्य बना सकें। भारत सरकार की नई शिक्षा नीति धरातल पर उतरे। आचार्यों को वर्ग कक्ष में जाने से पहले पाठ योजना अवश्य तैयार कर अपने साथ ले जाना चाहिए। इस क्रम में प्रधानाचार्य वाणी कांत झा ने आचार्य और भगिनी को सम्बोधित करते हुए कहा कि वर्ग कक्ष में जाने से पूर्व कार्य योजना पूर्णतया तैयार रखें। विद्यार्थियों की मनोवृति को समझें और उसके अनुरुप स्वयं को प्रस्तुत कर उन्हें भारतीय परमवैभव की ओर अग्रसर करें। निर्बल पक्ष को सबल बनाने के दृष्टिगत आगामी कार्य योजना बनाई गई। उपर्युक्त 3 दिवसीय कार्यशाला में 35 आचार्य दो कार्यालय प्रमुख एवं रामनगर  मुजरा के प्रधानाचार्य सुदर्शन कुमार उपस्थित रहे। इस अवसर पर विद्यालय प्रबंधकारिणी समिति के  उपाध्यक्ष प्रदीप कुमार दुबे ने आचार्य एवं विद्यालय परिवार को आश्वस्त किया कि विद्यालय के विकास के लिए प्रयोगशाला मीटिंग हॉल का निर्माण कराने का प्रयास किया जाएगा। आचार्य कार्यशाला में श्याम बिहारी सिंह, नितेश कुमार वर्मा, कलाधर पाठक, विनोद कुमार दुबे, प्रेमचंद्र मिश्र, रवींद्र दुबे, अभय तिवारी, मेघा खर्दवाल, विनीता कुमारी, सोनी कुमारी, दिनेश प्रसाद कुशवाहा, स्मिता कुमारी, सविता कुमारी, अप्पी कुमारी, पिंटू कुमार, सुरेंद्र प्रताप सिंह, अशोक कुमार शरण, मलय निरव, नितिन कुमार रवि, दिनेश प्रसाद, दिलीप कुमार दास, सुरेश यादव, दिनेश पंडित, संजीत कुमार सिंह, नीता मेहता शामिल हुए।
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By Awadhesh Sharma

न्यूज एन व्यूज फॉर नेशन

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