बेतिया। वर्तमान परिवेश में वैज्ञानिक पद्धति से कृषि करने, नई तकनीक अपनाने से किसान लाभ अर्जित कर सकते हैं। किसानों को नई तकनीक अपनाकर उन्नत कृषि की आवश्यकता है। किसान अपने ज्ञान (नॉलेज) को अद्यतन (अपडेट) करने की आवश्यकता है। कृषि तभी लाभप्रद होगा, जब किसान समय के साथ परिवर्तित होकर वैज्ञानिक विधि से कृषि कार्य करेंगे। उपर्युक्त विचार बरवत फॉर्म में दो दिवसीय कृषि यंत्रीकरण -सह- किसान मेला के अंतिम दिन बुधवार को किसानों को सम्बोधित करते हुए जिला कृषि पदाधिकारी प्रवीण कुमार राय ने व्यक्त किया। श्री राय ने कहा कि हम उत्पादन को बढ़ाएंगे या लागत को कम करेंगे, तभी अधिक से अधिक लाभदायक बना सकते हैं। किसान बड़ा साधक होता है अपनी पूंजी मिट्टी में डालता है, किसान से बड़ा कोई कोई साधु नहीं होता है। किसान इस देश की शक्ति है, उनके बिना कोई देश प्रगति नहीं कर सकता, कोई कितना प्रगति कर ले अंत में अपने जड़ में आना पड़ता है। श्री राय ने कहा कि इससे भी अधिक अच्छी प्रदर्शनी लगायेंगे। उत्तम किया है और आगे उत्कृष्ट करेंगे ।हमारे यहां 90% लोग काम करते हैं। कृषि विभाग अपने आप में परिपूर्ण नहीं है, सभी किसान कृषि विभाग की शक्ति है। कृषक हमेशा पशुपालक रहा है। कृषि के साथ-साथ पशुपालन भी आवश्यक है, क्योंकि हमें जैविक खेती करने में पशु सहायता करते हैं और जैविक खाद बनाने में पशु की आवश्यकता होती हैं। पुलिस-शिक्षा विभाग से अधिक कर्मी हमारे यहां काम करते हैं। कृषि विभाग का विकास तभी होगा जब किसान मेला लगाकर चर्चा करेंगे, किसान खुशहाल होगा तो राष्ट्र संपन्न होगा। कृषि मेला में स्टॉल लगाने वाले किसान धन्यवाद के पात्र हैं। प्रवीण कुमार राय ने बताया कि कई किसानों को पुरस्कृत भी किया गया। जिसमें पपीता की खेती में प्रथम पुरस्कार मनोज गुप्ता, पत्ता गोभी में प्रथम पुरस्कार संजय प्रसाद को दिया गया। इसी प्रकार कई किसानों को सम्मानित भी किया गया। इस अवसर पर सहायक उद्यान निदेशक राजू राउत, उप-परियोजना निदेशक आत्मा -सह-पौधा संरक्षण पूजा राय, सहायक निदेशक रसायन निशांत कुमार, अनुमंडल कृषि पदाधिकारी सुरेश प्रसाद, सुशील वाड्रा, अप्पू राजा, नाजिर अभिषेक यादव कई अन्य उपस्थित रहे। कार्यक्रम का मंच संचालन घनश्याम शुक्ला व धन्यवाद ज्ञापन अनुमंडल कृषि पदाधिकारी बगहा ने किया।