
वन्य जीव संरक्षण को विभाग की नई एडवाइजरी..……..
बेतिया: पश्चिम चम्पारण जिला अंतर्गत बिहार का एकमात्र वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के क्षेत्र में वन्य जीव संरक्षण के लिए विभाग ने नई एडवाइजरी जारी किया। जिससे लोग सतर्क रहें, इसके लिए वन विभाग की टीम कैंप कर लोगों को जागरुक व सतर्क रहने के प्रति जानकारी दे रही है। डीएफओ प्रद्युम्न गौरव के हवाले से बताया है कि बाघों की संख्या 2010 में 8 रही, रॉयल बंगाल टाइगर की संख्या अब बढ़कर 60 हो गई है। वीटीआर टाइगर की बढ़ती संख्या से लोगों को सतर्कता बरतने की आवश्यकता है। वन विभाग की नई एडवाइजरी में बताया गया है कि वन के पास जंगली जानवर से सामना होने पर उसे निकलने का रास्ता दें, यदि जंगल से दूर जंगली जानवर नज़र आये तो उससे दूरी बना लें। तत्काल वन विभाग को सूचना दें। वन्य प्राणी से स्वयं से कोई छेड़छाड़ नहीं करें, सुबह- शाम बाघ और अन्य मांसाहारी जानवर अधिक सक्रिय होते हैं। इस समय अधिक सतर्क रहें।
क्या नहीं करें……..
जंगल में अंदर या सटे हुए क्षेत्र में जाने से परहेज करें। यदि पशु चराने जायें तो जंगल से सटे झाड़ी से दूर रहें। जंगल की ओर पीठ कर खड़े नहीं हों, झुक कर ज़मीन पर नहीं बैठें। गन्ना की फसल कटायी झुंड में करें, किसी कार्य के क्रम में बीच में शोर मचाएं या हुँकार लगाते रहें। यदि बाघ का पशु पर हमला होता है तो उसे बचाने या शव को देखने के लिए बिना वन विभाग टीम के नहीं जाएँ। यह जानलेवा हो सकता है। मवेशी के मारे जाने पर तत्काल मुआवज़ा का प्रावधान है। संध्या काल में शौच के लिए जंगल के किनारे नही जाएं।
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