Tue. Mar 19th, 2024

IMD के मुताबिक, रायगढ़, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग जैसे तटीय जिलों के अलग-अलग इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश होगी। मौसम विभाग के अधिकारी ने दी जानकारी में कहा, मध्य महाराष्ट्र में शुक्रवार को हल्की बारिश होगी। वहीं पुणे और सतारा जैसे जिलों में हफ्ते के अंत में तेज बारिश की उम्मीद है। तो वहीं मराठावाड़ा और विदर्भ में रविवार को बारिश होगी। मौसम विभाग ब्यूरो के मुताबिक, 24 घंटे में 64.5 से 115.5 मिलीमीटर के बीच भारी बारिश होने की आशंका है। उत्तर भारत में भी बारिश की संभावना उत्तर भारत में भी बारिश की संभावना जताई गई है और उत्तराखंड में 9 से 11 सितंबर के बीच हल्की व भारी बारिश हो सकती है। इसके अलावा उत्तरी कर्नाटक के कुछ इलाकों, आंध्र प्रदेश व तेलंगाना में भारी बारिश का अलर्ट है। अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, असम, मणिपुर, नगालैंड, मिजोरम और त्रिपुरा में बारिश के साथ ही बिजली भी गिर सकती है। बिहार और हिमाचल में भी संभावना हिमाचल प्रदेश में 10 और 11 सितंबर को कई इलाकों में बारिश की संभावना जताई गई है और कांगड़ा, कुल्लू की कई सड़कें बंद हैं। इसके अलावा बिहार में भी बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। आईएमडी ने बिहार की राजधानी पटना, सारण, सीवान,बक्‍सर, भोजपुर, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, पूर्वी चंपारण और पश्चिमी चंपारण, वैशाली समेत 10 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। यहां बिजली भी गिर सकती है।  11 सितंबर से झारखंड में होगी भारी बारिश मौसम विभाग ने बताया कि बंगाल की खाड़ी के ऊपर बने कम दबाव क्षेत्र की वजह झारखंड में 11 सितंबर से एक बार फिर भारी बारिश होगी। 1 जून से शुरू हुए मानसून के बाद यह छठीं बार है, जब बंगाल की खाड़ी के ऊपर इस तरह का दबाव बन रहा है। रांची मौसम विभाग के मुताबिक, दबाव क्षेत्र बन जाने से अगले 48 घंटे में इसके और प्रबल होने की संभावना है। रिपोर्ट के अनुसार, 11 और 12 सितंबर को राज्य के कई हिस्सों में बारिश होगी। वहीं दक्षिण-पूर्व क्षेत्र के कई हिस्से, उत्तर और मध्य झारखंड के भागों में भारी बारिश होगी। मौसम विभाग के मुताबिक, बारिश का सबसे ज्यादा प्रभाव पूर्वी सिंहभूमि, पश्चिम सिंहभूमि और सरायकेला-खरसावां जिलों में रहेगा। रिपोर्ट के अनुसार, झारखंड में एक जून से 8 सितंबर के बीच 642.4 मिलीमीटर बारिश हुई, जो सामान्य वर्षा 866.2 मिलीमीटर से कम है। राज्य के 24 जिलों में से 7 में औसत बारिश, 15 जिलों में बारिश की कमी और दो जिले में सूखे की दिक्कत रही है। आंध्र प्रदेश में बाढ़ का खतरा बढ़ा पिछले कुछ दिनों से आंध्र प्रदेश की नदियां उफान पर हैं। पड़ोसी राज्य कर्नाटक में भारी बारिश के कारण आंध्र प्रदेश की कृष्णा और पेन्ना नदियों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। श्रीशैलम और नार्गाजुन सागर के दो प्रमुख जलाशयों के भरने के कारण कृष्णा नदी में 3.67 लाख क्यूसेक से ज्यादा बांध का पानी छोड़ा जा रहा है। बाढ़ की स्थिति को देखते हुए एनटीआर, कृष्णा और गुंटूर जिले के अधिकारियों को अलर्ट पर रखा गया है। इसके अलावा पेन्ना नदी के उफान पर होने से अनंतपुरमू, श्री सत्या साईं और वाईएसआर कडप्पा जिलों में भारी जलभराव हो रहा है। NDRF की दो टीमों को अनंतपुरमू जिले में राहत और बचाव कार्य के लिए भेजा गया है। वहीं, दशकों में पहली बार कृष्णा बेसिन में वेदवती नदी तेज धारा के साथ बह रही है। इस बीच राज्य के तटीय जिलों में शनिवार को भारी बारिश और तेज हवाएं चलने की संभावना है।

Spread the love

Leave a Reply