हजारो मजदूरो के साथ उधमियो को भी भुगतना पड़ रहा है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2020 और 2021 मे कोविड संक्रमण के देशव्यापी लाँकडाँउन और इसके दुष्प्रभाव से औधोगिक क्षेत्र भिलाई भी अछूता नही रह था भिलाई इस्पात संयंत्र के दम पर धुआ उगलने वाले एमएसएमई उधोगो को बीएसपी के साथ केन्द्र व राज्य सरकार से अपेक्षित मदद की उम्मीद थी, लेकिन तीनो एजेंसियो की जो सहायता मिली वह उधोगो के लिए ऊंट के मुंह मे जीरा साबित हुई। उधोगो संघो की लगातार मांग के बाद भी उन्हे न तो बीएसपी से पर्याप्त आर्डर मिल रहे है और न ही सरकार द्वारा ऋणो की ब्याज दरे व बिजली दर की टैरिफ ही कम किए गए। लिहाजा उधोगो की कमर टूट गई और उधमियों को इनका संचालन करना मुश्किल होता जा रहा है।