बहुजन के राजनीतिक युगद्रष्टा कांशी राम जयन्ती बगहा 2 में सम्पन्न
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सामाजिक प्रबंधन, बहुजन समाज कल्याण के प्रणेता और राजनितिक शक्ति के समर्थक कांशी राम की 91 वीं जयंती मनाई गई। सूत्र बताते हैं कि बाबा भीम राव अम्बेदकर प्रतिमा स्थल बगहा-02 परिसर में रविवार 2.00 बजे अपराह्न बौद्ध विहार बगहा के तत्वाधान में कांशी राम जयंती मनाई गई। कांशी राम जयंती कार्यक्रम का संयोजन जीतेन्द्र कुमार, अध्यक्षता जय प्रकाश ‘प्रकाश’ भीमाचार्य ने किया। उपर्युक्त कार्यक्रम में मुख्य अतिथि घनश्याम प्रसाद ‘कबीर’ और विशिष्ट अतिथि के रुप में तरुण कुमार गोंड, भूषण राम (बीडीसी), श्याम सुन्दर राम, (बीडीसी) बगहा-02 शामिल हुए। सबने कांशी राम की छाया-चित्र पर फूल-माला, पुष्प-अर्पण और मोमबत्ती जलाकर कार्यक्रम का उद्घाटन, कोटि-कोटि नमन एवं श्रद्धांजलि अर्पित किया। उनके आदर्शों पर चलने का संकल्प लिया। जयंती कार्यक्रम में आयोजित संगोष्ठी में प्रस्ताव पारित किया गया कि “हम महाबोधि महाविहार मंदिर, बोधगया मुक्ति आन्दोलन का समर्थन करते हुए, सरकार से आग्रह करते हैं कि ‘बोध गया मंदिर अधिनियम 1949/(बीटीएमसी अधिनियम 1949) को निरस्त कर, इसे गैर बुद्धिस्टो से मुक्त कर, इसका सम्पूर्ण प्रबंधन बौद्धो को सौंपे”। उपर्युक्त पावन पवित्र स्थान, ज्ञान की जननी, प्रेम-दया, करुणा के त्रिवेणी, जो एक बौद्ध विरासत है, उसको विकृत व छेड़-छाड़ करने से केवल बौद्ध समाज ही नही,भारत और अन्तरराष्ट्रीय बौद्ध भी आहत है। कांशीराम के व्यक्तित्व कृतित्व पर चर्चा करते हुए, उनके सामाजिक प्रबंधन, सत्ता में भागीदारी, मंडल कमीशन को लागू करने, सामाजिक न्याय, स्वतन्त्रता -समानता, लोकतांत्रिक व्यवस्था को सशक्त करने के दृढ़ संकल्प और आजीवन संघर्ष की गाथा वक्ताओं ने अभिव्यक्त किया।