Wed. Dec 4th, 2024

 

गिरफ्तार दोनो व्यवसाई योगापट्टी मच्छरगांवा स्थित राजमाता साड़ी शोरुम व गणपति हैंडलूम के संचालक बताए गए हैं

बेतिया : बेतिया पुलिस अंतर्गत योगापट्टी थाना क्षेत्र के मच्छरगांवा में विगत गुरुवार की संध्या स्कूटी पर लघुशंका करने की बात को लेकर दो व्यवसाइयों में मारपीट हुई। उपर्युक्त घटना में योगापट्टी थाना पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया। अंततोगत्वा रविवार की संध्या उन्हें न्यायालय को सौंप दिया।  दोनों कपड़ा व्यवसाइयो के बीच पूर्व से मनमुटाव चला  आ रहा है। योगापट्टी थानाध्यक्ष कंचन भास्कर ने बताया कि न्यायालय के हवाले किए गये दोनों व्यवसाइयों में योगापट्टी थाना क्षेत्र के मच्छरगांवा निवासी व राजमाता साड़ी शोरुम के मालिक संतोष कुमार व गणपति हैंडलूम के मालिक अजय कुमार बताए गए हैं। आपसी मारपीट में दोनों के सिर पर घाव बन गया है। जिसको लेकर दोनों की शिकायत पर सुसंगत धारा अंतर्गत योगापट्टी थाना में काण्ड अंकित कर उन्हें न्यायालय को सौंप दिया गया है। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है। छानबीन के उपरांत अन्य दोषियों को भी गिरफ्तार किया जाएगा। सबसे मजेदार बात यह है कि दोनों व्यवसाइयों के बीच हुए प्राथमिकी में एक की प्राथमिकी घटना के एक दिन बाद 22 नवंबर को, तो वहीं दूसरे की प्राथमिकी घटना के दो दिन बाद 23 नवंबर को दर्ज कर पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है। दोनों पक्षों से नामजद लोगों मे भारतीय जीवन बीमा के अभिकर्ता कमलेश कुमार, उनके भाई संतोष कुमार, अजय कुमार, भतीजा उत्पल कुमार, रितिक कुमार व प्रियांशु कुमार शामिल है। दूसरे पक्ष के अजय कुमार, शिक्षक व भारतीय जीवन बीमा के अभिकर्ता- संजय कुमार, उनके पुत्र आदित्य कुमार व निखिल कुमार शामिल है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यह चर्चा का बाजार गर्म है कि योगापट्टी थाना की पुलिस दोनों पक्ष में संतुलन बनाकर चल रही है। आखिर चलेगी क्यों नहीं, दोनों पक्षों के तरफ से अपनी-अपनी बढ़त बनाने के लिए हाई प्रोफाइल पहुंच और पैरवी तो की गई है। इसका इंपैक्ट तो कार्रवाई पर पड़ेगा ही। कुछ लोग कह रहे हैं की योगापट्टी पुलिस- हवा जगावत आग को, दीपक देत बुझाए। लोकोक्ति को चरितार्थ कर रही है। अरे भाई आखिर पुलिस करें तो क्या करें, सब की बात रखनी है ना। दोनों का सिर फूटा, दोनों की शिकायत पर कांड दर्ज कर दोनों पक्ष के लोगों को गिरफ्तार किया। इसमें क्या गुनाह है। दोनों का मामला बराबर। आमजन में चर्चा हैं कि मारपीट के घटना के उपरांत एक ही पक्ष के एक व्यक्ति अजय कुमार के सिर पर गहरी चोट लगी और वह बुरी तरह से घायल हो गया। अन्य दूसरों को मामूली चोटे आई। फिर दूसरा पक्ष सिर फोड़वाकर कहां से चला आया, जो जांच का विषय है। प्रथम पीड़ित पक्ष के एक भाई शिक्षक है। प्राथमिकी में नाम आने से डरें सहमें हुए हैं। समझौता करने के लिए स्थानीय बुद्धिजीवी, सामाजिक कार्यकर्ता, पत्रकार समेत समाज के गणमान्य के मान मनौव्वल का दौर चल रहा है। मान मनौव्वल का कई दौर बीत भी चुका है। आखिर क्या हुआ, हम लोग मान गए होते, घर ही फैसला कर लिए होते, तो आज दोनों पक्ष न्यायालय को नहीं सौंपे जाते।

समाज के लोग भी यही कह रहे हैं, इतने पढ़े लिखे और समझदार लोगों का यह हाल है। दोनों पक्षों की ऐसी दुर्गति नहीं होनी चाहिए, हो जाता है, भाई! इंसान से ही कभी-कभी बड़ी मिस्टेक होती है। आखिर मिस्टेक होने के बाद दोनों पक्षों के समर्थक, एक- दूसरे पक्ष को हिम्मत देते रहते हैं, पीछे नहीं हटना है, डटे रहो, की बात कह कर साहस बढ़ाते हैं। समर्थक कहते हैं, डटे रहोगे तो न्याय अवश्य मिलेगा। अरे भाई तकलीफ तो समर्थक नहीं न उठा रहे हैं। जेल की हवा दोनों पक्षो के लोगों को खानी पड़ी है। न्याय के लिए बहुत प्रतीक्षा करनी पड़ती है, इसके लिए धैर्य होना चाहिए। समर्थको का क्या जा रहा है। न्यायालय को सौंपे जाने के क्रम में एक पक्ष तो अपनी प्रतिष्ठा को लेकर अपनी गाड़ी मंगवाना पड़ा। थाना के अंदर से बाहर तक समर्थक खचाखच भरे रहे। गाड़ी पर बैठने से पहले एक समर्थक की आंखें भर गई। यह देखकर वे अपने समर्थकों के पीठ थपथपाने लगे, यह बोलकर सांत्वना दे रहे, घबराओ मत जल्दी आ जाऊंगा। वे सोच रहे थे कि हम पुलिस की गाड़ी में बैठकर न्यायालय की हवा नहीं खाएंगे, अपनी गाड़ी से न्यायालय जाएंगे। परंतु मामला कुछ और हुआ। पुलिस ने उन्हें अपनी गाड़ी से जाने की अनुमति नहीं दी। पुलिस उन्हें अपनी गाड़ी में बैठाकर उन्हें न्यायालय को सौंप दिया।

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By Awadhesh Sharma

न्यूज एन व्यूज फॉर नेशन

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