यह तो बात सही है। कि जब युवावस्था में चढ़ती जवानी का गुरुर बहुतो को होता है। लेकिन वे भूल जाते है। कि जब यह अवस्था उतार पर होगी।, तो अच्छी अच्छी बहार को वीराने में बदल देगी। इसलिए कहा गया है। कि जवानी में इस देह को बहुत की सावधानी सें उपयोग करे। ताकि वर्तमान समय इसके दुरुपयोग का सबसे खौफनाक दृश्य है नशा । आज करना मनुष्य की सहज वृत्ति बन गई है अर्थात् वह किसी न किसी बात का नशा अवश्य करेगा ही चाहे देह का नशा धन का नशा सुंदरता का नशा रिश्तो के नशा पद का नशा इस सब का नशा तो चढ़ता ही है। परन्तु तंबाकू ,गुटखा ,शराब, ड्रग्स आदि का नशा तो महापाप है। इसी कारण से मनुष्य नशे की मंजिल में बर्बादी है।