Mon. May 20th, 2024

 

एपीपी एग्रीगेट ने प्रशिक्षुओ को तकनीकी जानकारी उपलब्ध कराया

देवघर। कृषि प्राद्यौगिकी प्रबन्धन अभिकरण (आत्मा) के तत्वावधान में आत्मा समेति सहाय अनुदान 2024-2025 के अंतर्गत मिलेट कृषि अन्तर्गत बाजरा, कंगनी, जौ-ज्वार, गुन्दली, कोदो, मडुआ के महत्व को बताया गया। मिट्टी जांच, समेकित खेती का तीन दिवसीय प्रशिक्षण एपीपी एग्रीगेट द्वारा आयोजित किया गया। कार्यक्रम का समापन करते हुए एपीपी एग्रीगेट के निदेशक, प्रभाकर कुमार ने कहा कि समेकित कृषि से ही किसान खुशहाल और संपन्न हो सकते हैं।

इस अवसर पर संबोधित करते हुए अनमोल कुमार ने कहा कि समेकित खेती आज किसानों की आवश्यकता है। झारखंड को विकसित राज्य बनाने के लिए उन्नत आय के लिए मिट्टी जांच के बाद ही उपयुक्त समय पर उपर्युक्त फसल उपजाया जा सकता है। उन्होंने बागवानी के साथ साथ सब्जी उत्पादन के विभिन्न प्रकार के तरीको की जानकारी भी दी। इस कार्यक्रम में योग्य, कुशल एवं प्रशिक्षित प्रशिक्षको द्वारा समेकित खेती और मिट्टी जांच के अवयवों की जानकारी दी गई।

26 गांवों में 50-50 किसान समूहों को बागवानी के अन्तर्गत आम, अमरूद, केला, लीची, मशरूम ड्रेगन फ्रूट के उत्पादन की विस्तार से जानकारी दी गई।
प्रशिक्षण के दौरान बैगन, टमाटर, राम तोर ई, गोभी आदि क ई सब्जी के उन्नत उपजो की जानकारी दी गई। समूह चर्चा और प्रायोगिक विधियों द्वारा प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण में एपीपी एग्रीगेट के निदेशक, प्रभाकर कुमार, राज्य प्रमुख अनमोल कुमार‌ मास्टर प्रशिक्षक पूनम संगा समेत दर्जनों प्रशिक्षकों ने देवघर जिला के सारवां और सोनारायठाडी प्रखण्ड के 26 गाँव में प्रशिक्षण दिया। एपीपी एग्रीगेट के निदेशक, प्रभाकर कुमार ने कहा कि मिलेट्सो कुकिज के सेवन से हम बहुत सारे बीमारियों हड्डी की मजबूती, खून की कमी दूर करने, ह्रिदय, डायबिटीज, जच्चा – बच्चा का सेहत आदि बीमारियां से छुटकारा पा सकते हैं। उन्होंने मोटे अनाज के उपज में बृद्धि और उपयोग की जरूरतों पर बल दिया। श्री कुमार ने समेकित खेती के बढ़ते जरूरत पर चर्चा की।

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By Awadhesh Sharma

न्यूज एन व्यूज फॉर नेशन

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