Wed. Feb 12th, 2025

बेतिया: पश्चिम चम्पारण जिला के पूर्व जिला पदाधिकारी दिलीप कुमार के विरुद्ध सर्वोच्च न्यायालय ने आपराधिक मुकदमा चलाने का निर्णय पारित किया है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2008 में जदयू भाजपा की सरकार के प्रतिनिधि जिला पदाधिकारी दिलीप कुमार ने करनमेया कांड महावीरी अखाड़ा में एक समाज विशेष को खुश करने के लिए 1000 वर्ष की परम्परागत महावीर झंडा को नहीं लगने दिया। जिसके कारण दोनों समुदाय में संप्रदायिक तनाव फैल गया। प्रशासन ने आरएसएस और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया। इसी कांड में ब्रजराज श्रीवास्तव एवं विजय कश्यप को गिरफ्तार कर प्रशासन ने न्यायालय को सुपुर्द कर जेल भेजवाने का काम किया। जिसके विरुद्ध ब्रजराज श्रीवास्तव ने बेतिया न्यायालय में पूर्व जिला पदाधिकारी दिलीप कुमार पर सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने एवं सनातन समाज को अपमानित करने का एक आपराधिक मुकदमा दायर किया। निचली अदालत अर्थात जिला अदालत से मुकदमा निरस्त हो गया। परंतु हाई कोर्ट ने उसे सही पाया और दिलीप कुमार पर अपराधी मुकदमा चलाने का निर्देश पारित किया। पटना हाई कोर्ट के निर्णय के विरुद्ध आईएएस दिलीप कुमार ने  सर्वोच्च न्यायालय में अपील दाखिल किया। 13 वर्ष के बाद सर्वोच्च न्यायालय ने पटना उच्च न्यायालय के निर्णय को सही पाया और दिलीप कुमार पर आपराधिक मुकदमा चलने का न्यायादेश पारित किया है। इस सम्बंध में 7 अगस्त 2023 को बेतिया में प्रेस को रमण गुप्ता ने जानकारी दी।

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By Awadhesh Sharma

न्यूज एन व्यूज फॉर नेशन

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