शहर वासियों की आस्था का केंद्र मां चंडी मंदिर का इतिहास 200 वर्ष पुराना है। चंडी माता मां दुर्गा का स्वरूप है। मंदिर में मां काली, मां लक्ष्मी और सरस्वती की प्रतिमा विराजित है। वैसे तो मंदिर में सालभर श्रद्धालु माता का दर्शन करने आते हैं।
दुर्ग। शहर वासियों की आस्था का केंद्र मां चंडी मंदिर का इतिहास 200 वर्ष पुराना है। चंडी माता मां दुर्गा का स्वरूप है। मंदिर में मां काली, मां लक्ष्मी और सरस्वती की प्रतिमा विराजित है। वैसे तो मंदिर में सालभर श्रद्धालु माता का दर्शन करने आते हैं लेकिन चैत और क्वांर नवरात्र में बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। मठपारा स्थित मां चंडी मंदिर के इतिहास को लेकर अलग-अलग मान्यता है। पुराने जानकारों का कहना है कि मां चंडी यहां कुंड में विश्राम कर रही हैं। मंदिर के पुजारी गिरीराज प्रसाद शर्मा ने बताया कि मंदिर का इतिहास वर्षों पुराना है। यहां मां चंडी दुर्गा के स्वरूप में विराजित हैं। मंदिर के भीतर मां काली, लक्ष्मी और सरस्वती की प्रतिमा है। उन्होंने बताया कि मंदिर में करीब 50 साल से जोत कलश जलाया जा रहा है। इसकी शुरुआत 11 जोत कलश से हुई थी। इस क्वांर नवरात्र में मंदिर में 2500 जोत कलश जल रहे हैं। मठपारा में शहर के बीचों बीच स्थित मां चंडी मंदिर में नवरात्र के समय सुबह से लेकर देर रात तक श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है।