क्लबफुट ग्रस्त कटिहार के बच्चों का जेएलएनएमसीएच भागलपुर में ऑपरेशन
ऑपरेशन और उपचार सुविधा उपलब्ध बिल्कुल निःशुक्ल : सिविल सर्जन
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कटिहार : बिहार सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं में एक जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) अंतर्गत बच्चों में पाए जाने वाले जन्मजात बीमारी क्लब फुट का निःशुल्क शल्य चिकित्सा की जा रही है। बताया गया है कि जन्म से नवजात शिशु का एक पैर अंदर और नीचे की ओर मुड़े होने पर ऐसे बच्चे को चिकित्सकीय भाषा में क्लब फुट से ग्रस्त कहा जाता है। ऐसे बच्चे बचपन से ही चलने फिरने में असमर्थ होते हैं। क्लब फुट जिसे टैलिप्स भी कहा जाता है, एक जन्मजात बीमारी है, जिसमें बच्चे का पैर अंदर और नीचे की ओर मुड़ा हुआ होता है। ऐसे बीमारी से ग्रसित बच्चों का बचपन में आवश्यक इलाज नहीं कराया गया तो सम्बंधित बच्चा दिव्यांगता का शिकार बन सकता है। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम अंतर्गत स्वास्थ्य केद्रों में क्लब फुट बीमारी से ग्रस्त बच्चों का आवश्यक चिकित्सा शल्य चिकित्सा संभव है। कटिहार जिला के 02 क्लब फुटग्रस्त बच्चों की पहचान कर जिला स्वास्थ्य विभाग ने राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) अंतर्गत विशेष चिकित्सार्थ जवाहर लाल नेहरु मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, भागलपुर भेजा गया है। वहाँ बच्चों की आवश्यक चिकित्सा और चिकित्सकीय सहायता निःशुक्ल उपलब्ध कराई जाएगी। जिससे कि दोनों बच्चा सामान्य बच्चों की तरह चलने फिरने में समर्थ हो सकते है। कटिहार जिला सिविल सर्जन डॉ जितेंद्र नाथ सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा डिस्ट्रिक्ट अर्ली इन्वेंशन सेंटर (डीईआईसी) अंतर्गत क्लब फुट ग्रस्त बच्चों की पहचान कर विशेष चिकित्सकीय सहायता के लिए एम्बुलेंस से बच्चों को परिजनों के साथ जेएलएनएमसीएच भागलपुर रेफर किया गया है। आरबीएसके का मुख्य उद्देश्य 0 से 18 वर्ष तक के बच्चों की स्वास्थ्य समस्याओं की पहचान करना और उनका समय पर चिकित्सा कराना है। दोनों बच्चे कटिहार जिला के कदवा प्रखंड निवासी हैं। उनमें एक बच्ची ज़ैनद फातिमा पिता मो जावेद आलम, जिसकी उम्र 10 माह है। ज़ैनद फातमा ग्राम पचगच्छी प्रखंड कदवा निवासी, दूसरा बच्चा नवीन यादव पिता राजेश यादव आयु 02 माह बताया गया है,कदमवा प्रखण्ड के मीनापुर गांव का निवासी बताया गया है। दोनों शिशु के क्लब फुट ग्रस्त होने की पहचान राष्ट्रीय बाल स्वास्थ कार्यक्रम की टीम ने किया है, उनके शल्य चिकित्सा व उपचार खर्च सरकार वहन करेगी। इस ऑपरेशन में परिजनों को कोई खर्च नहीं करना होगा। स्वास्थ्य विभाग दोनों बच्चों को स्वास्थ्य सुविधा निःशुक्ल उपलब्ध कराएगा। दोनों बच्चों और उनके परिजनों को कटिहार से भागलपुर आवागमन सरकारी एम्बुलेंस द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी। जिससे परिजनों को आने जाने में कोई समस्या नहीं हो सके और बच्चे स्वस्थ और सुरक्षित हो सके।
आरबीएसके कटिहार जिला समन्यवक मनीष कुमार सिन्हा ने बताया कि जिला स्वास्थ्य विभाग और आरबीएसके की टीम ने सुनिश्चित किया है कि बच्चों के परिवारों को चिकित्सा के क्रम किसी भी प्रकार का कोई खर्च नहीं उठाना है। ऑपरेशन के बाद दोनों बच्चों को एम्बुलेंस से उनके घर तक सुरक्षित पहुँचाया जाएगा। इसके बाद भी बच्चों के स्वास्थ्य की स्थिति जिला आरबीएसके टीम निगरानी करेगी। यह पहल स्वास्थ्य विभाग जिला के सभी क्लब फुट ग्रस्त बच्चों के लिए है। कटिहार जिला के डीपीएम डॉ किशलय कुमार ने बताया कि जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) अंतर्गत केवल बीमारियों की पहचान ही नहीं अपितु चिन्हित बच्चों को निःशुक्ल चिकित्सकीय सहायता उपलब्ध कराना है। डीपीएम डॉ किशलय कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम अंतर्गत 0 से 18 वर्ष तक के बच्चों व किशोरों में 30 प्रकार की बीमारियों का निःशुल्क उपचार सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य बच्चों को जन्मजात विकारों और अन्य गंभीर बीमारियों से निजात दिलाना है।