Sun. Mar 23rd, 2025

इन सभी समस्याओ का कारण है कर्मो की गुहा्रगति का ज्ञान न होना और देह अभिमान। इस समय कलयुग के अन्त और आने वाले सतयुग के संगम पर निराकार परमात्मा शिव अपने कल्प पूर्व किये वायदे के अनुसार कर्मो की गुहा्रगति ज्ञान प्रजापिता ब्रहा्राकुमारी ईश्वरीय विव्श्र विद्यालय में परम शिक्षक बना दे रहे हैं। उन्होने समझाया हैं कि तुम आत्माए शरीर को चलाने वाले चेतन सत्ता मेरी अनादित सन्तान अजर अमर अविनाशी हो। तुम अपने घर परमधाम से इस सृष्टिमंच पर अभिनय करने आती हो। मेंरी प्रार्थना में तुम गाते आए हो कि हे प्रभु ये तन मन धन सब मेरा परन्तु व्यवहार में तुम इन्हे अपना मान बैठे हो। इनसे तुम्हारा लगाव हो गया है। और इनमें फंस गए हो इसलिए दुखी हो। इन्हे तुम अब मेरी अमानत समझकर प्रयोग करो क्याकि अन्त में धरा का धरा पर ही धरा रहा जायेगा।

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