अधिकारों ने हमारे जीवन को सुखदाई बनाया है लेकिन कर्तव्यप रायणता हमारे जीवन को महान बनाती है। अधिकार माना लेना कर्तव्य माना देना। कर्तव्यनिष्ठा में त्याग तपस्या एवं सेवा समाई होती है। आज भारत माता अपने हर सपूत से यही चाहती है कि वह स्वयं प्रति, समाज प्रति, देश प्रति, विश्रव प्रति, प्रकृति प्रति अपने कर्तव्य को समझते हुए कदम उठाए, ऐसे नागरिक को ही महान देश का महान नागरिक कहा जाता है। देश से समाज से क्या क्या मिला, उसका हिसाब तो हम रख लेते है लेकिन समाज का हमने क्या क्या दिया उसका हिसाब रखना भूल जाते है। हम ना सोचें, हमें क्या मिला है। हम वे सोचे कि किया क्या हैं
अर्पण माना मैने देश को समाज को क्या दिया? इस पर विचार करें। ब्रहा्राकुमारीज में आजादी के अमृत महोत्सव के एक प्रोग्राम में माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने कहा था, आज बात अधिकारों की नही है। बल्कि अपने कर्तव्य पर चलने की है और इस कार्य में ब्रहा्राकुमारीज समाज में बहुत सहयोग दे सकती है।