प्यार भरी होली
होली ने पूछा होली से,
कब होगी मेरी होली ?
सब मिल कब गाएंगे फाग,
कब छेड़ेंगे मेरा वह राग,
कब होगी वह निश्चछल ठिठोली,
बोलो न,
कब होगी मेरी होली ?
कब बाजेंगे ढोल मंजीरे,
रंग चढ़ेगा धीरे धीरे,
कब निकलेगी गलियों में टोली,
रे ! कब होगी मेरी होली ?
गढ़ो न फिर कोई नयी कहानी,
प्रीत के रंग से भर लो पानी,
कामदेव की सब बोलें बोली।
कब होगी ऐसी होली ?
कैसा तेरा और कैसा मेरा,
भर रहे क्यों घृणा का डेरा,
कब भरेगी फिर प्रेम से झोली !
बोलो न, कब होगी मेरी होली ?
लाल रंग आपके *शक्ति* के लिए,
पीला रंग आपके *भक्ति* के लिए
गुलाबी रंग आपके *युक्ति* के लिए,
सफ़ेद रंग आपके *प्रवृत्ति* के लिए
काला रंग आपके *मुक्ति* के लिए
नीला रंग आपकी *कीर्ति* के लिए,
हरा रंग आपके *पुर्ति* के लिए,
होली के इन सात रंगों के साथ अनमोल कुमार की तरफ से होली की हार्दिक शुभकामनाएं।