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मांगलिक व वैवाहिक कार्यक्रमों में करोड़ों का कारोबार बंगाल से आती, बार बालाएं 

अनमोल कुमार

बिहार के लोग रोजी रोजगार की तलाश में अन्य प्रदेशों में जाते हैं। विशेष रुप से बिहारी मजदूरों का सबसे बड़ा रोजगार हब पश्चिम बंगाल, दिल्ली व पंजाब है। अलबत्ता, क्या आप जानते हैं कि बिहार भी पश्चिम बंगाल को रोजगार प्रदान करता है, नहीं न..? बढ़िए आगे हम बताते हैं कि बिहार में बंगाल के बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराता है बिहार।…… जी हां  बिहार में (शादी विवाह) मांगलिक कार्यक्रमों में बंगाल की युवतियों को रोजगार उपलब्ध कराया जाता है। वैवाहिक अवसर के साथ अन्य मांगलिक और अन्य उत्सव पर नृत्य के लिए बंगाल की बालाओं को बुलाया जाता है। बिहार में बार डांस की कहानी में 90 प्रतिशत लड़कियां बंगाल से आती है दो-तीन महीने के कारोबार में करोड़ों का लेनदेन होता है हजारों परिवारों का पेट पलता है बिहार खासकर उत्तर बिहार की शादियों में बार बालाओं का नाच सोशल एस्टेट का विषय बन गया है आदमी चाहे अमीर हो या गरीब शादी-ब्याह के मौके पर बार बालाओं का डांस कराना सामाजिक प्रतिष्ठा का विषय माना जाता है ऐसे में पश्चिम बंगाल से हजारों की तादाद में लड़कियां शादी ब्याह के मौके पर उत्तर बिहार के आर्केस्ट्रा ग्रुप द्वारा बिहार लाई जाती है,उनका प्रोग्राम धड़ल्ले से चलता है।इस अनूठे कारोबार की कहानी आपको बताने हम आपको लिए चलते हैं छपरा और सिवान व गोपालगंज जिले के कुछ ऐसे इलाकों में जो इलाके आर्केस्ट्रा वालों के कारण आज पूरे बिहार जाने जाते हैं सिवान के जनता बाजार,महाराजगंज समेत तमाम चौक चौराहे पर लगभग साढे 500 से ज्यादा पंजीकृत आर्केस्ट्रा ग्रुप इन 3 जिलों में है, इन मंडलियों में काम करने वाली लड़कियां पश्चिम बंगाल और दूसरे प्रदेशों से आती है उनके साथ उनके परिजन भी होते हैं तथा शादी ब्याह में नृत्य कर पैसा कमाती है।जनता बाजार पर डेढ़ सौ से ज्यादा ऐसे आर्केस्ट्रा ग्रुप है इनमें से तो सैकड़ो की तादाद में लड़कियों ने अपना स्थाई बसेरा तक बना रखा है महाभारत कालीन मंदिर के कारण कभी जाने जाने वाला जनता बाजार अब इन बार बालाओं हुस्न के जलवे के कारण ही जाना जाता है.आपको जानकर आश्चर्य होगा कि छपरा सिवान और गोपालगंज में चलने वाले आर्केस्ट्रा ग्रुप ही यूट्यूब का खेल शुरू होने से पहले भोजपुरी के जितने भी अश्लील गाने बनते थे उन्हें हिट और सुपरहिट बनातेथे आझ भी इन आर्केस्ट्रा ग्रुप के कार्यक्रम में बार-बार बजने वाले गानो से तय होता है कि कौन हिट है कौन सुपरहिट है साथ ही जिन जिन बाजारों पर इनका बसेरा है वहां गुंडा बैंक अर्थात सूद ब्याज का कारोबार भी काफी व्यापक होता है इलाके के सभी रईसों का जमवाड़ा भी यही होता है छपरा जिले के सोनपुर नया गांव परमानंदपुर दिघवारा नगरा ईश्वर पुर मढ़ौरा तरैया खानापुर डुमर्सन राजापट्टी हाजीपुर बनियापुर सिवान के मदारपुर जामो मलमलिया बसंतपुर महाराजगंज तरवारा इकमा माझी गोपालगंज के कटरा पूरे कुचायकोट माझा बरौली बैकुंठपुर समेत सभी भीड़भाड़ वाले बाजारों पर दो से तीन चार ऐसे आर्केस्ट्रा ग्रुप संचालित होते हैं जिनमें काम करने वाली लड़कियां वही रहती है।हाल के कुछ वर्षों में छपरा सीवान गोपालगंज मोतिहारी बेतिया में जिला प्रशासन ने इन ग्रुपों का निबंधन अनिवार्य कर दिया है प्राप्त आंकड़ों के अनुसार सबसे ज्यादा पश्चिम बंगाल की लड़कियां इन जिलों में अपनी कला का प्रदर्शन करने आती हैं फिलहाल ऐसी 850 लड़कियों का आंकड़ा उपलब्ध है।एक स्टेज शो में अमूमन एक लड़की को 1000 से ₹2500 तक उसकी सुंदरता नृत्य पारंगता के आधार पर फीस मिलता है।

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By Awadhesh Sharma

न्यूज एन व्यूज फॉर नेशन

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