बेतिया। बिहार सरकार ने 31जुलाई तक वार्ता कर शिक्षकों की मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया, तत्पश्चात अभी तक कोई पहल नहीं किए जाने और शिक्षकों पर लगातार की जा रही कार्रवाई से अक्रोशित शिक्षकों ने सत्तारूढ़ दल के नेताओं के खिलाफ विद्रोह का बिगुल फूंक दिया है। आक्रोशित शिक्षकों ने पोस्टर वॉर की शुरुआत कर दिया है। शिक्षिका रंजना कुमारी के आवास पर पोस्टर लगाते हुए शिक्षकों ने अपने दरवाजे पर महागठबंधन के नेताओं की नो इंट्री का पोस्टर लगा दिया है। दरवाजा पर लगाए पोस्टर में स्पष्ट लिखा है कि यह नियोजित शिक्षक का घर है यहां महागठबंधन के धोखेबाज नेताओं का प्रवेश वर्जित है। इसके साथ ही शिक्षकों ने चेतावनी दी है कि यदि राज्य सरकार एक सप्ताह के अंदर नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने की घोषणा नहीं करती है तो इस पोस्टर वॉर को तेज किया जाएगा।परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष नंदन कुमार व प्रमंडलीय संयोजक मंकेश्वर राम ने कहा कि पहले चरण में सभी शिक्षकों के दरवाजे पर पोस्टर लगाया जाएगा। दूसरे चरण में शिक्षक अभ्यर्थियों के दरवाजे पर, तीसरे चरण में विद्यालय की रसोइया, चौथे चरण में आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका और इसके बाद सभी संविदा कर्मियों को इस अभियान में शामिल किया जाएगा।सत्तारूढ़ दल नियोजित शिक्षकों को सम्मान देने की बात कह कर शिक्षकों का वोट ठगने का काम सरकार ने किया और आज शिक्षकों की दाढ़ी, उनके कपड़े पर सवाल खड़ा कर रही हैं। महासचिव सतीश कुमार व कोषाध्यक्ष अशोक कुमार प्रसाद ने कहा कि सरकार समाज के सामने शिक्षकों के प्रति झूठी हमदर्दी जताते हुए और उनसे वार्ता करने का आश्वासन देती है और दूसरी ओर अपनी मांग के लिए धरना प्रदर्शन करने वाले शिक्षकों को सीधे बर्खास्त करने का आदेश जारी करवाती है। जिससे सरकार के दोहरे चरित्र का पर्दाफाश हो गया है। शिक्षकों ने चेतावनी दी है कि एक सप्ताह के अंदर यदि नियोजित शिक्षकों के विरुद्ध निलंबन और बर्खास्तगी की दमनात्मक कार्रवाई वापस लेते हुए, उन्हें राज्य कर्मी का दर्जा नहीं दिया गया और स्थानांतरण,प्रोन्नति सहित उनकी अन्य समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो महागठबंधन के नेता अगर शिक्षकों के घर पर जाते हैं तो उनके मुंह पर कालिख पोतेंगे और उनको अपने दरवाजे से भगाने का काम करेंगे। इस अवसर पर रूपेश गोपाल, विजय कुमार, फणिन्द्र द्विवेदी, सुनिल कुमार दर्जनों शिक्षक उपस्थित रहे।