पटना : 29 मई 1953 को पहली बार माउंट एवरेस्ट पर मनुष्य ने चढ़ाई कर विजय प्राप्त किया। इसलिए विश्व स्तर पर 29 मई को अंतरराष्ट्रीय माउंट एवरेस्ट दिवस के रुप में मनाया जाता है। सोमवार को राजकीयकृत नवसृजित प्राथमिक विद्यालय दादरमंडी, गुलजारबाग, पटना में सहायक शिक्षक सूर्यकान्त गुप्ता के दिशा निर्देशन में छात्र-छात्राओ ने अंतरराष्ट्रीय माउंट एवरेस्ट दिवस मनाया। इस अवसर पर श्री गुप्ता ने अंतर्राष्ट्रीय माउंट एवरेस्ट दिवस को वर्ग 5 की पर्यावरण विज्ञान की पुस्तक ‘पर्यावरण और हम’, भाग-3 के अध्याय ‘पटना से नाथुला की यात्रा’ से जोड़कर छात्र-छात्राओं को माउंट एवरेस्ट, तेनजिंग नोर्गे शेरपा, पर्वतारोहण की तैयारी से जुड़े तथ्यों के बारे में विस्तृत जानकारी दिया उन्होंने बताया कि विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर पहली बार 29 मई 1953 ई. को तेनजिंग नोर्गे शेरपा तथा एडमंड हिलेरी ने चढ़ने में सफलता प्राप्त किया। इसलिए प्रतिवर्ष 29 मई को अंतरराष्ट्रीय माउंट एवरेस्ट दिवस मनाया जाता है।
माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई 8848.86 मीटर है, यह भारत के पड़ोसी मित्र राष्ट्र नेपाल के उत्तर सीमा पर अवस्थित है। नेपाल में माउंट एवरेस्ट को सगरमाथा तथा तिब्बत में चोमोंलोंगमा कहा जाता है। माउंट एवरेस्ट पर सफलता प्राप्त करने वाले प्रथम भारतीय पुरुष लेफ्टिनेंट कर्नल अवतार एस चीमा तथा प्रथम महिला बछेंद्री पाल हैं। संतोष यादव ने दो बार एवरेस्ट पर चढ़ने में सफलता प्राप्त किया। बिहार की निरुपमा अग्रवाल ने एवरेस्ट पर चढ़ने में सफलता प्राप्त किया है। माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने में सफलता प्राप्त करने वाली पहली विश्व की पहली महिला जुंको ताबेइ हैं। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में जितेंद्र कुमार ने का प्रशंसनीय योगदान रहा है।