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हृदयानंद सिंह यादव

बेतिया। पश्चिम चम्पारण जिला स्वास्थ विभाग ने जिला में नर्सिंग होम, अल्ट्रासाउंड की जांच व छापामारी के लिए टीम का गठन किया है। लेकिन टीम के एक से दो नर्सिंग होम में छापामारी कर खानापूर्ति कर कर बंद कर दी जाती है। यह लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है, लोगों का कहना है कि शहर के हॉस्पिटल रोड के गली- गली, कोतवाली चौक, इलमराम चौक, नाजनीन चौक, संत घाट, खिरिया घाट, छावनी, मनुआ पुल व अन्य जगहों पर अवैध नर्सिंग होम का संचालन किया जा रहा है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग उनके संचालक के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। विभागीय खानापूरी अवश्य की जा रही है, जिसके कारण उनका कारोबार तेजी से फैल रहा है। सिविल सर्जन डॉ वीरेंद्र कुमार चौधरी ने गठित टीम को निर्देश दिया गया था कि जांच की रिपोर्ट प्रत्येक सप्ताह को कार्यालय में उपलब्ध कराना है। अलबत्ता जांच टीम के पदाधिकारियों ने जांच के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति करते रहे हैं।

आए दिन मरीज के मौत पर होती है बवाल

अवैध नर्सिंग होम में मरीज की मौत हो जाती है तो उसके बाद परिजनों ने जमकर हंगामा करते हैं, हंगामा की खबर मिलते ही नगर पुलिस तो पहुंच जाती है। पुलिस और कतिपय कथित मीडियाकर्मी भी खानापूर्ति करने में लगे रहते हैं। जिससे नर्सिंग होम संचालक के विरुद्ध कार्रवाई नहीं हो पाती है। हाल में ही हॉस्पिटल रोड स्थित पश्चिम चम्पारण सांसद सह भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल के घर के पीछे किसी निजी स्वास्थ केंद्र में एक महिला की मौत हो गई। मौत के हंगामा के बाद सिविल सर्जन के निर्देश पर टीम गठन कर छापामारी की गई, छापामारी के बाद नर्सिंग होम को सील कर दिया गया। उस नर्सिंग होम में संचालित दवा दुकान को भी ड्रग इंस्पेक्टर ने सील कर दिया। अलबत्ता कुछ ही दिन बाद जब इंस्पेक्टर ने दवा दुकान का सील तोड़ दिया। जिससे लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है, नर्सिंग होम संचालक के विरोध कोई प्राथमिकी नगर थाना में टीम के पदाधिकारी ने दर्ज नहीं कराई गई, जबकि प्राथमिकी दर्ज बेतिया पीएचसी प्रभारी को कराना था, लेकिन उसे भी पीएचसी प्रभारी ने नही कराया।

बार-बार बनाई जाती है टीम

सिविल सर्जन कार्यालय द्वारा छापामारी के लिए बार-बार अलग अलग टीम का गठन किया जाता है लेकिन टीम में शामिल अधिकारियों द्वारा कोई छापामारी अभियान जिला मुख्यालय में नहीं चलाई जाती है जबकि यह एक गंभीर मामला है. छापामारी टीम के द्वारा प्रत्येक नर्सिंग होम व अल्ट्रासाउंड पर छापामारी कर उसके कागजों का जांच कर कार्रवाई करनी है लेकिन कागजों में ही सिमट के रह जाता है.

जिला मुख्यालय में चलती है अवैध दवा दुकान

औषधि विभाग की ओर से दवा दुकान का संचालन करने से पहले औषधि विभाग से लाइसेंस लेना जरूरी है. लेकिन बिना लाईसेंस के ना जाने कितना दवा दुकान चल रहा है. जिसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है. जिसका जीता जागता उदाहरण हैं जिला अधिकारी आवास के ठीक सामने और चेक पोस्ट के आस-पास अस्पताल रोड,मनुआ पुल,संत घाट सहित ग्रामीण क्षेत्रों में खुलेआम अवैध रूप से दवा का दुकान खोल कर संचालन किया जा रहा है लेकिन औषधि विभाग की ओर से कोई छापामारी दवा दुकानदारो के विरोध नहीं की जा रही है औषधि विभाग के द्वारा भी छापामारी करने के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है. जबकि शहरी,ग्रामीण में विभाग के द्वारा डी.आई का नियुक्ति की गई है.

टीम में शामिल अधिकारियों को जल्द से जल्द छापामारी करने का निर्देश दिया जाएगा जिला मुख्यालय के अलावा अन्य अनुमंडल में छापामारी अभियान चालू है

डॉ वीरेंद्र कुमार चौधरी सिविल सर्जन

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By Awadhesh Sharma

न्यूज एन व्यूज फॉर नेशन

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