नई शिक्षा नीति के अनुसार शिक्षा सत्र-2023 में स्कूली किताबें नहीं बदले जाएंगे , लेकिन किताबों में कुछ नए पाठ शामिल किए जा रहा हैं। कक्षा पहली से 10वीं तक का हिंदी के किताब में सड़क के सुरक्षा और यातायात के नियम पढ़ाए जाएंगा । इसके प्रक्रिया चलाए जा रहे है। इसके अलावा पाठ्यक्रम में छात्रों को अब राज्य में 28 के स्थान पर 33 जिलों के बारे में पढ़ने को मिलेगा नए शिक्षा सत्र के लिए किताबें छापने राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद एससीईआरटी के ओर से पाठ्य पुस्तक निगम को प्रारूप भेजा गया है। इसके अनुसार किताबों के छपाया जाएगा ।

बढ़ते सड़क हादसों की संख्या और ट्रैफिक नियमों को तोड़ने वालों की संख्या को देखते हुए स्कूली किताब में कक्षा पहली से 10वीं तक के हिंदी के किताब में यातायात के नियम, उसके निशान, हाथों के इशारे, वाहन के इंडीकेटर, सड़क पर सफेद और पीली पट्टी के महत्व, सीधी पट्टी और खंड-खंड में बनी सफेद और पीली पट्टी का अर्थ आदि समेत अन्य सभी जानकारियां किताबों में शामिल किया जा रहा है। इसे क्रमश: बच्चों की मानसिक क्षमता को मापते हुए किताबों में रखा जाएगा, ताकि उन्हें इस समझने में आसानी हो और वाहन चलाते समय उसका उपयोग कर सकें। शिक्षा सत्र 2023-24 में पहली से बारहवीं तक के छात्र पुराने पाठ ही पढ़ेंगे। नई शिक्षा नीति के अनुसार अभी पूरी किताबें नहीं बदली जाएंगी। अफसरों का कहना है कि केंद्र से अभी नेशनल कॅरिकुलम फ्रेमवर्क (एनसीएफ) जारी नहीं किया गया है। इसके आने के बाद राज्य में स्टेट कॅरिकुलम फ्रेमवर्क (एससीएफ) बनाया जाएगा। इसके अनुसार किताबें लिखी जाएंगी। इस प्रक्रिया में लंबा समय लगेगा। इसे देखते हुए छात्र कुछ संशोधनों के साथ अगले सत्र में पुराना पाठ्यक्रम ही पढ़ेंगे। अगले कुछ महीनों में एनसीएफ के आने पर वर्ष 2024 में नई शिक्षा के अनुसार किताबें आ सकते हैं।