शाहजहांपुर। कार्तिक पूर्णिमा पर मंगलवार को मिर्जापुर क्षेत्र के ढाई घाट पर गंगा स्नान के लिए सुबह से आस्था का सैलाब उमड़ने लगा। हजारों श्रद्धालुओं ने हर-हर गंगे के उद्घोष के साथ पतित पावनी गंगा में आस्था की डुबकी लगाई। घाट पर मौजूद पंडों-पुरोहितों को अन्न, वस्त्र, मिठाई, फल, दक्षिणा देकर पुण्य लाभ अर्जित किया। बाद में श्रद्धालुओं ने कार्तिक मेले का आनंद लिया। दुकानों पर जरूरत की चीजों की खरीददारी की।
मंगलवार को कोलाघाट पर रामगंगा का पक्का पुल भारी वाहनों की नो एंट्री, ट्रैक्टर-ट्रॉली से यात्रियों के जाने पर प्रतिबंध, कोलाघाट पर आने जाने के लिये पैंटून पुल न बन पाने के कारणों से चार नवंबर से शुरू हुए कार्तिक मेला में एक दिन पहले तक सन्नाटा बना रहा था। लॉकडाउन के बाद दो वर्ष के अंतराल पर होने वाले कार्तिक मेला में इस बार कार्तिक पूर्णिमा पर श्रद्घालु कम आएंगे। मेले में ज्यादा किराया खर्च कर दूरदराज के जिलों से दुकानें लेकर आये कारोबारी भी मेले में भीड़ नहीं होने से मायूस थे। लेकिन पर्व स्नान के दिन सुबह से इन सारी दुश्वारियों पर आस्था भारी पड़ने लगी। जिले भर से हजारों श्रद्धालु जलालाबाद, अल्हागंज, अमृतपुर (फर्रुखाबाद) होकर लगभग 60 किमी अतिरिक्त यात्रा करके सुबह से ढाईघाट गंगातट पर पहुंचने लगे, जिससे मेले में रौनक आ गई। श्रद्धालुओं ने पर्व स्नान कर खरीदारी शुरू की तो मेले के बाजारों में भीड़ बढ़ गई। बाजार में सौंदर्य प्रसाधन की वस्तुएं खरीदने को महिलाओं की अपार भीड़ रही। वहीं किसानों ने पशुओं से संबंधित सामान और लाठियां खरीदी, जबकि बच्चों और युवाओं ने मेले में लगे बड़े झूले, रेल, मिकी माउस, चाट-पकौड़ी आदि का लुत्फ लिया। इनमें से तमाम श्रद्धालु चंद्र ग्रहण के बाद बुधवार को गंगा स्नान कर मेले से घर वापसी करेंगे।