Sat. Jul 27th, 2024

जीवन की बगिया को, सदगुणो से महकाती हैं,
पतझड़ के मौसम मे भी, संदेश खुशी का लाती है,
सुख शांति से भरी हुई प्याली है,
ज्ञानामृत की बात निराली है।
तपत बुझा कर भीतर की, शीतल हमें बनाती है,
मिलती यह प्रभु की सौगात निराली है,
ज्ञानामृत की बात निराली है।
शुभ संकल्पों के दीप जलाती, अज्ञान अंधकार दूर भगाती,
लाइट (हल्का) रहना हमें सिखाती, लाइट (ज्ञान) देना हमें सिखाती,
मन बुद्धि में भरती हरियाली है,
ज्ञानामृत की बात निराली है।
पत्रिका तो बहुत हैं जहान में, जैसे तारे आसमान में,
पर फैले जिसकी चाँदनी मन के जहान में,चाँद जैसी कुदरत की करामात निराली हैं,
ज्ञानामृत की बात निराली है।
सच्चा गीता ज्ञान लिये, प्रभु की सच्ची पहचान लियें,
मधुबन की मुसकान लियें खुशियों का पैगाम लियें,
बहती ज्ञानगंगा दिन रात निराली हैं,
ज्ञानामृत की बात निराली है।

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