Fri. Jul 26th, 2024

जम्मू की विशेष कोर्ट ने जेकेएलएफ प्रमुख यासीन मलिक को कानूनी सहायता की पेशकश की लेकिन उसने इसे ठुकरा दिया। मलिक ने 1990 में वायुसेना के चार कर्मियों की हत्या मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट में पेश होने की बात कही।सीबीआई की वकील मोनिका कोहली ने बताया कि मलिक दिल्ली की तिहाड़ जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सुनवाई में पेश हुआ। वह टेरर फंडिंग मामले में उम्रकैद की सजा काट रहा है। कोहली ने बताया कि कानूनी सहायता की पेशकश ठुकरा दिए जाने के बाद कोर्ट ने उससे सितंबर में होने वाली अगली सुनवाई पर अपना पक्ष लिखित में रखने को कहा। अदालत ने भौतिक पेशी की उसकी अर्जी खारिज की दी। कहा कि सभी मामलों में आरोपी को वीडियो कांफ्रेंस के जरिये पेश करने के लिए हाईकोर्ट के स्पष्ट निर्देश हैं। रूबैया सईद अपहरण मामले की सुनवाई कर रही जम्मू की एक अदालत में उसे भौतिक रूप से पेश होने की अनुमति देने के अनुरोध वाली उसकी अर्जी पर केंद्र द्वारा जवाब नहीं देने के बाद मलिक ने 22 जुलाई से 10 दिनों की भूख हड़ताल की। इस मामले में मलिक एक आरोपी है।

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