Fri. Apr 19th, 2024

उधमपुर/रामनगर। जिले में लंपी वायरस के मामले बढ़ने से किसान चिंतित हैं। उनका कहना है कि वायरस के कारण उनके पशु कमजोर हो गए हैं और दूध नहीं दे रहे हैं। पशु पालन विभाग ने उन्हें पशुओं को हरी घास न खिलाने की सलाह दी है। साथ ही विभाग के चिकित्सक पीड़ित पशुओं को प्रतिदिन ताकत के दो इंजेक्शन लगा रहे हैं। इससे काफी राहत है।
जिले में अब तक लंपी के लक्षण वाले करीब 200 मामले सामने आ चुके हैं। फोन से सूचना मिलने पर पशु पालन विभाग की टीमें मौके पर पहुंचकर मवेशियों की जांच कर रही हैं, और ग्रामीणों को जागरूक भी किया जा रहा है। इस बीमारी को लेकर ग्रामीणों की चिंता बढ़ी हुई है, क्योंकि इस रोग से ग्रसित पशु दूध कम दे रहे हैं। कघोट निवासी सुरेंद्र कुमार, उत्तम चंद, दर्शन कुमार, दीपक शर्मा, सुदेश कुमार, आदि ने बताया कि उनके पशुओं में लंपी जैसे लक्षण हैं। कुछ ही दिनों में पशु कमजोर हो गया, और दूध देना कम कर दिया है। उन्होंने कहा कि पहले जो पशु चार से पांच लीटर दूध देता था, वह अब मुश्किल से दो लीटर ही दूध दे रहा है। पशु पालन विभाग की टीमें घर-घर आकर पशुओं का उपचार कर रही हैं। डॉक्टरों ने जानकारी दी थी कि लंपी के लक्षण दिखने वाले पशु को अन्य पशुओं से अलग रखा जाए। साथ ही बीमार पशुओं को हर रोज दो इंजेक्शन लगाए जा रहे हैं। डॉक्टरों ने बीमार पशुओं को हरी घास देने से मना किया है। कहा है कि पीड़ित पशुओं को केवल सूखी घास या भूसा दिया जाए। कघोट के सरपंच सुनील शर्मा ने बताया कि उनकी पंचायत में 40 से अधिक पशुओं में लंपी वायरस के लक्षण नजर आए हैं। पशु पालन विभाग ने ग्रामीणों के घरों में जाकर पांच दिन तक दिन में दो बार ताकत के इंजेक्शन लगाए हैं। इससे पशुओं को काफी राहत है।

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