Sat. Jun 21st, 2025

“वैज्ञानिक तकनीक से जुड़कर कृषि कार्य करें व आत्मनिर्भर बनें”

‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ के अंतर्गत कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार तथा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में अभियान के बारहवें दिन भी बिहार और झारखंड के विभिन्न जिलों में विविध कार्यक्रमों का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। यह अभियान वैज्ञानिक दृष्टिकोण, संस्थागत समन्वय एवं किसानों की सक्रिय भागीदारी के साथ निरंतर प्रगति कर रहा है।

कार्यक्रमों के दौरान वैज्ञानिकों, कृषि विशेषज्ञों और संबंधित अधिकारियों की टीमों ने गांवों का दौरा किया तथा किसानों से सीधे संवाद स्थापित किया। किसानों को वैज्ञानिक, आधुनिक एवं टिकाऊ कृषि तकनीकों की जानकारी उपलब्ध कराई गई। साथ ही, किसानों ने भी अपनी स्थानीय समस्याएँ और चुनौतियाँ खुले मन से साझा कीं, जिनके व्यावहारिक समाधान मौके पर ही सुझाए गए।

इस अभियान के अंतर्गत एक भव्य एवं प्रभावशाली कार्यक्रम का आयोजन दिनांक 09 जून, 2025 को कृषि विज्ञान केंद्र, बाढ़, पटना के परिसर में किया गया। इस अवसर पर कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के माननीय केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री राम नाथ ठाकुर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। डॉ. डी. आर. सिंह, माननीय कुलपति, बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर, अन्य गणमान्य अतिथियों, विभागीय अधिकारियों, वैज्ञानिकों एवं प्रगतिशील किसानों की गरिमामयी उपस्थिति ने कार्यक्रम को विशेष रूप से उल्लेखनीय बनाया। कार्यक्रम में 600 से अधिक किसानों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। उपस्थित किसानों को उन्नत कृषि तकनीकों, जलवायु अनुकूल खेती, प्राकृतिक कृषि, उच्च मूल्य वाली फसलों की खेती, और कृषि यंत्रीकरण से जुड़ी नवीनतम जानकारियाँ प्रदान की गईं। मंत्री श्री ठाकुर ने अपने संबोधन में किसानों को आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित किया और केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही किसान कल्याण योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने किसानों को वैज्ञानिक तरीकों से खेती करने का आह्वान करते हुए उन्हें तकनीकी संस्थानों से जुड़ने की सलाह दी।

इस अभियान अंतर्गत भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना में वैज्ञानिक-मीडिया संवाद का आयोजन किया गया, जिसमें संस्थान के निदेशक डॉ. अनुप दास; कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान (अटारी), जोन-IV, पटना के निदेशक डॉ. अंजनी कुमार; डॉ. उज्ज्वल कुमार, प्रभागाध्यक्ष, सामाजिक-आर्थिक एवं प्रसार प्रभाग, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना;  केंद्रीय आलू अनुसंधान केंद्र, पटना के प्रभारी प्रमुख डॉ. एस. पी. सिंह; बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय से सहायक प्रोफ़ेसर डॉ. पुष्पेन्द्र कुमार, तथा अन्य वैज्ञानिकगण एवं प्रेस एवं मीडिया के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। कार्यक्रम के दौरान ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ की अवधारणा और इसके मुख्य उद्देश्य पर विस्तार से प्रकाश डाला गया। बिहार एवं झारखंड राज्यों में कार्यरत कृषि वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों द्वारा खरीफ फसलों, बागवानी, पशुपालन, मत्स्य पालन, कृषि यंत्रीकरण और प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन से संबंधित विकसित एवं आधुनिक तकनीकों के प्रसार के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी साझा की गई। वैज्ञानिक-मीडिया संवाद के दौरान किसानों से प्राप्त फीडबैक, उनकी तकनीकी आवश्यकताएँ, क्षेत्रीय नवाचारों और इनसे जुड़ी चुनौतियों की भी चर्चा की गई। संवाद के माध्यम से यह बताया गया कि यह अभियान किसानों की आजीविका में सुधार लाने और क्षेत्रीय कृषि के समग्र विकास में किस प्रकार सहायक हो सकता है। कार्यक्रम का उद्देश्य प्रेस और मीडिया प्रतिनिधियों को इन जानकारियों से अवगत कराना था, जिससे वे कृषि क्षेत्र की प्रगति में अपनी भूमिका निभा सकें।

इस अभियान का समन्वयन कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान (अटारी), जोन-IV, पटना तथा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना द्वारा संयुक्त रूप से किया जा रहा है। दोनों संस्थानों के मार्गदर्शन में सहभागी संस्थाओं की टीमें विभिन्न गांवों में जाकर किसानों के बीच जागरूकता का प्रसार कर रही हैं। अभियान के अंतर्गत पारंपरिक कृषि ज्ञान एवं वैज्ञानिक तकनीकों के समन्वय पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, ताकि किसान पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखते हुए लाभकारी और टिकाऊ कृषि पद्धतियों को अपनाने के लिए प्रेरित हो सकें।

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By Awadhesh Sharma

न्यूज एन व्यूज फॉर नेशन

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