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किसानों से मिले केंद्रीय मंत्री, वैज्ञानिक खेती को बताया भविष्य का रास्ता

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पटना:  विकसित कृषि संकल्प अभियान’ अंतर्गत कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार तथा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में अभियान के ग्यारहवें दिन भी बिहार और झारखंड के विभिन्न जिला कार्यक्रम का सफल आयोजन किया गया। उपर्युक्त अभियान वैज्ञानिक ऊर्जा, संस्थागत सहयोग और किसानों की उत्साही भागीदारी के साथ संचालित है। इस क्रम में वैज्ञानिकों, कृषि विशेषज्ञों एवं पदाधिकारियों की टीम ने ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा किया और किसानों से प्रत्यक्ष संवाद किया। किसानों को उन्नत, वैज्ञानिक एवं टिकाऊ कृषि तकनीकों की जानकारी दी गई। किसानों ने अपनी कृषि भूमि की समस्या खुलकर साझा किया, जिनका त्वरित समाधान सुझाया गया।इस अभियान अंतर्गत कृषि विज्ञान केंद्र, हरनौत, नालंदा में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें केंद्रीय राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर शामिल हुए। उन्होंने क्षेत्रीय किसानों के खेतों का भ्रमण किया और उनसे उनकी खेती से जुड़ी समस्याओं पर सीधा संवाद किया। मंत्री श्री ठाकुर ने आश्वासन दिया कि कृषि विज्ञान केंद्रों को सशक्त बनाने के लिए सभी संभव सहायता प्रदान की जाएगी। उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि वे उच्च उत्पादकता वाली सब्जियों, कम अवधि की मोटे अनाज (मिलेट्स) की किस्में, प्राकृतिक खेती जैसी नवीन तकनीकों को अपनाएँ, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के संस्थानों एवं कृषि विश्वविद्यालयों का भ्रमण करें और टिकाऊ कृषि के लिए उनसे लाभ प्राप्त करें। इस अवसर पर पौधरोपण भी किया गया। बिहार सरकार में कैबिनेट मंत्री श्रवण कुमार ग्रामीण विकास विभाग, बिहार सरकार ने कृषि रोडमैप, जलवायु अनुकूल कृषि, भारत सरकार एवं बिहार सरकार की विभिन्न कृषि योजनाओं पर विशेष बल दिया। कार्यक्रम के क्रम में उन्नत किस्में, बागवानी खेती, प्राकृतिक खेती, कृषि आधारित उद्योग, जीआई टैग प्राप्त फसलों को प्रमुखता से बताया गया। कुलपति ने किसानों से अनुरोध किया कि वे विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित 22 कृषि विज्ञान केंद्रों से सहायता लें। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में किसानों ने भाग लिया, जिनमें लगभग 60 प्रतिशत महिलाएँ थीं। खरीफ फसलों के उन्नत उत्पादन पर प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किया गया। इस अवसर पर कई किसानों ने मोटे अनाज से खाद्य पदार्थों की तैयारी में भाग लिया और विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। प्रगतिशील किसानों ने अपने अनुभव भी साझा किया। कार्यक्रम में कौशलेन्द्र कुमार, लोकसभा सांसद नालंदा डॉ. डी. आर. सिंह, कुलपति बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर, डॉ. अनुप दास निदेशक भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी पटना अनुसंधान परिसर, पटना, डॉ. अमरेन्द्र  कुमार प्रधान वैज्ञानिक अटारी पटना, डॉ. आर. एन. सिंह सह निदेशक (प्रसार शिक्षा), बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर एवं बिहार सरकार के कृषि विभाग के अन्य पदाधिकारीगण उपस्थित रहे। इस अभियान का समन्वयन कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान (अटारी), जोन-IV, पटना एवं भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना द्वारा किया जा रहा है। दोनों संस्थानों के नेतृत्व में  सभी सहभागी संस्थानों की टीमें गांव-गांव जाकर जागरूकता फैला रही हैं। अभियान में पारंपरिक ज्ञान और वैज्ञानिक दृष्टिकोण के समन्वय पर विशेष बल दिया जा रहा है, जिससे किसान पर्यावरण के अनुकूल, लाभकारी और दीर्घकालिक कृषि को अपना सकें।

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By Awadhesh Sharma

न्यूज एन व्यूज फॉर नेशन

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