बेतिया राज की भूमि पर घर बनाकर लंबे समय से रह रहे लोगों से जमीन के रकबा के हिसाब से एक निश्चित राशि दण्ड वसुली बिहार भू काश्तकारी अधिनियम 1885 का उलंघन : वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता
एक तरफ बेतिया राज की भूमि पर बसें लोगों को अतिक्रमणकारी कह रहीं हैं दूसरी तरफ सेटलमेंट की बात कर जनता में भ्रम पैदा कर रहीं हैं जदयू – भाजपा की सरकार : माले
बेतिया : बेतिया राज की भूमि पर घर बनाकर लंबे समय से रह रहे लोगों से भूमि के रकबा के हिसाब से एक निश्चित राशि दण्ड वसूली बात बिहार भू काश्तकारी अधिनियम 1885 का उलंघन है। उपर्युक्त बातें भाकपा माले केन्द्रीय कमिटी सदस्य सह सिकटा विधायक वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता ने कहीं, उन्होंने कहा कि बेतिया राज की जमीन पर पीढ़ी दर पीढ़ी घर रहते आ रहें लोगों को बिना किन्तु परन्तु किये सभी लोगों को बिहार भू काश्तकारी अधिनियम 1885 अंतर्गत कानूनी अधिकार दे सरकार। श्री गुप्ता ने कहा कि नीतीश और भाजपा की सरकार एक तरफ बेतिया राज की जमीन पर बसें लोगों को अतिक्रमणकारी कह कर घरों पर बुलडोजर चलाने की तैयारी कर रहीं हैं और दूसरी तरफ खासमहल नीति अंतर्गत पहले वर्ष जमीन के मौजूदा बाजार मूल्य का 10 प्रतिशत और इसके बाद प्रति वर्ष 5 प्रतिशत की दर से राशि लेकर अर्थात इसी दर पर कुछ वर्षों तक राशि वसूलने के बाद जमीन पर एक तरह से मालिकाना हक देने की बात हो रहीं हैं, इतना ही नहीं कहा जा रहा है कि जो लोग झोपड़ी बनाकर ऐसी जमीन पर रह रहे हैं, उन्हें बासगीत पर्चा देने की योजना पर भी विचार किया जा रहा है। ऐसे लोगों को बगैर किसी राशि के प्रति परिवार 3 डिसमिल की दर से जमीन आवंटित की जाएगी। यह सब बोल कर जनता में भ्रम फैलाया जा रहा है और फुट डालने का काम सरकार कर रहीं हैं।
माले विधायक ने कहा कि न्याय की जो प्राकृतिक विधि है कि न्याय के लिए नीचे से लेकर ऊपर आदालत तक कोई भी जा सकता हैं, मगर नीतीश और भाजपा सरकार मिल कर गरीबों के खिलाफ कानून बना रहीं हैं कि उसके तानाशाह पदाधिकारियों के भ्रष्टाचार और तानाशाही के खिलाफ आप अपने न्याय के लिए न्यायालय में नहीं जा सकते, ऐसा बिहार विधानसभा से काला कानून बन रहे हैं। नीतीश(जदयू) कुमार और भाजपा के लोग कैसा बिहार और देश बनाना चाहते हैं। पीड़ित जनता को गोलबंद होकर न्याय के लिए आवाज उठाने का आह्वान किया।
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