सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर शासन व प्रशासन ने पटाखा पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया
रिपोर्ट अनमोल कुमार
पटना। बिहार की राजधानी पटना के साथ चार जिला में पटाखा पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है। जी हां, यह बिहार है, बिहार में शराब, पॉलीथिन बैग, गुटखा व मादक पदार्थ पर पहले से पूर्ण प्रतिबंध लगाया जा चुका है। अब सरकार और प्रशासन ने सर्वोच्च न्यायालय व राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के निर्देश के आलोक में राज्य के चार नगरीय क्षेत्रों पटना, गया, मुजफ्फरपुर व हाजीपुर, जहाँ विगत वर्ष परिवेशीय वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) खराब, बहुत खराब या गंभीर पायी गयी, वहाँ किसी भी प्रकार के पटाखा उपयोग को पूर्णतः प्रतिबंधित कर दिया गया है। उल्लेखनीय है कि उपर्युक्त आदेश का उल्लंघन अपराध व दण्डनीय है। पर्यावरण, वन व जलवायु परिवर्तन विभाग, बिहार सरकार व बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद् भी इसके अनुपालनार्थ आदेश दे चुके हैं। जिला प्रशासन पटना ने जिला वासियों से आह्वान किया है कि पर्यावरण-अनुकूल दीपावली मनाएँ, पटाखा का प्रयोग न करें। पटाखा से निकलने वाला धुआँ, जिसमें हानिकारक रसायन होता है, हमारे स्वास्थ्य एवं पर्यावरण को गंभीर क्षति पहुँचाता है। आतिशबाजी व पटाखा में प्रयुक्त बारुद, भारी धातु एवं तथा रसायन के उपयोग से वायु प्रदूषण में अत्यधिक वृद्धि होती है। इससे बच्चों, वृद्ध व्यक्तियों तथा हृदय रोगियों को खतरा होने के साथ-साथ सभी प्राणी को स्वास्थ्य सम्बंधी समस्या हो सकती है। जिला प्रशासन ने निर्देश दिया है कि दीप जलाने में किरासन तेल का उपयोग न करें, क्योंकि इसके जलने से निकलने वाला धुआँ हमारे फेफड़ों को क्षति पहुँचा सकता है। हमारी आँखों में जलन, आँसू एवं धुंधलापन ला सकता है। जिला पदाधिकारी पटना एवं वरीय पुलिस अधीक्षक पटना ने जिलान्तर्गत सभी अनुमंडल पदाधिकारियों तथा अनुमंडल पुलिस पदाधिकारियों को अवैध पटाखों की बिक्री पर रोक लगाने को धावा दल को सतत क्रियाशील रखने तथा दोषियों के विरूद्ध विधि-सम्मत कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।