इसके विपरीत रियल्टी ही सच्ची राँयल्टी है। रियल्टी अर्थात् सच्चाई वास्तविकता नैतिक मूल्यो की मर्यादा में रहकर कर्म करना ही रियल्टी है। मर्यादा से बाहर रहकर किए गए कर्म आज नही तो कल दुःख और पच्श्राताप में बदल जाते है। व्यक्ति स्वयं को वो दिखाने का प्रयास करता है। जो वो है। ही नही। कहते भी है कि सुखी होना इतना मुश्किल नही है। जितना कि सुखी दिखना। एक कहावत है कि सादा जीवन और उच्च विचार ही व्यक्ति को महान बनाते है। वास्तव मे जो महान और राँयल होते है। वो सादगी को अपनाते है। अपने सादे जीवन और ऊंचे विचारो से समाज में प्रतिष्ठा बनाते हैं।