आज समाज में अनेक प्रकार की सेवाएं चल रही है। कोई गऊ माता की सेवा करता है, कोई गरीबो की सेवा करता है। कोई बीमार व्यक्तियो की सेवा करता है। कोई ज्ञानी है तो ज्ञान सुनाने की सेवा करता है। पर हमे यह समझना जरुरी है। कि पहली सेवा क्या है? पहली सेवा है। ज्ञान की सेवा जीवन में धारण कर अपने व्यवहार से सबकी सेवा करना।
आत्मा गुणों और शक्तियों से सम्पन्न है।
हम जीवन में अनेको के सम्बंध सम्पर्क में आते है। सबके स्वभाव संस्कार अलग अलग होते है। संस्कार न मिलने के कारण आपस में टकराव हो रहा हैं। दूरियां बढ रही हैं अच्छी जाँब छोड कर आँफिस चेंज कर रहे हैं, जो कि आज हर घर में हर आँफिस में आम रुप से दिखाई दे रहा है। इसका कारण हैं जीवन को समझा नही है, स्वयं में समाए हर गुण शक्तियो को युज करना नही आता। वास्तव में हम सब एक चैतन्य शक्ति आत्मा है।