अध्यात्म का तात्पर्य स्वयं का सर्वोच्च परमात्मा से सम्पर्क : ब्रह्माकुमारी पूनम

बेतिया: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय बेतिया के तत्वावधान में 22 दिसम्बर 2023 से ‘अलविदा तनाव’ कार्यक्रम के पांचवे दिन 26 दिसंबर 2023 स्वयं से प्यार करें, जीवन में डिप्रेशन शून्य हो जाता है। प्रतिदिन चिंतन करें, सृष्टि रुपी रंगमंच पर मेरे जैसा दूसरा कलाकार ही नहीं, अपने मिले रोल पाठ को संतुष्ट होकर निभाएं।अपने अंदर की विशेषताओं का प्रतिदिन चिंतन करें यह भी मेडिटेशन है, स्वयं को प्रोत्साहित करें शाबाशी दें। अपने घरों में लिखकर रख लें ‘ मैं सर्वोत्तम हूं, मुझे सर्वश्रेष्ठ रोल परमात्मा ने दिया है वह बहुत अच्छा है। “उपर्युक्त विचार प्रख्यात तनावमुक्ति विशेषज्ञा इन्दौर ब्रह्माकुमारी पूनम ने प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय प्रभु उपवन भवन संत घाट के द्वारा महाराजा स्टेडियम में अलविदा तनाव शिविर की पांचवे दिन के सत्र में सुखी जीवन का पहला रहस्य बताते हुए कहा। जीवन के लिए प्रसन्नता का दूसरा टिप्स उन्होंने बताया -दूसरों के लिए जिएं रिश्तों में प्यार सम्मान दर्द जो भी हम देते हैं, वापस आता है। चेक करिए- मुझे सम्बंधों में क्या देना है, याचक नहीं दाता बनना है। भारत की प्राचीन संस्कृति है, देना ही देना है, सबको प्यार सु-भावना, प्रसन्नता, दुआ, आशीष, सहयोग देना है, तभी हम सदा सुखी रह पाएंगे। इस टिप्स को पक्का करने के लिए उन्होंने किसी की मुस्कुराहटों पर हो निसार………. गीत बजवाकर सबसे तालियां बजवाया। जिससे प्रसन्नता व उमंग उत्साह का वातावरण बना (3) सबकुछ परमात्मा के नाम वसीयत बना दें। सुखी रहने के लिए ट्रस्टी बनकर सब कार्य करें, जिम्मेवारी परमात्मा को दे दें, घर का हेड जीवन रुपी घर का परमात्मा को प्रमुख बना दें। प्रत्येक आत्मा का अपना भाग्य है, ट्रस्टी बन पूरी उर्जा लगाकर प्रत्येक कार्य करें, फिर परिणाम परमात्मा को अर्पित कर दें। यदि दिल से अर्पित करेंगे तो परमात्मा की शक्तियां काम करने लगेगी व समाधान सामने आ जाएगा। जीवन को सत्य का प्रकाश मिल जाएगा। फिर उन्हें सब-सौप दो प्यारे प्रभु को……….. गीत बजवाकर मेडिटेशन के माध्यम से तन, मन, धन, सम्बंध सब कुछ अर्पण करवाया। सर्वप्रथम वीडियो स्क्रीन पर तीन लोग का चित्र दिखाते हुए उन्होंने बताया कि इस संसार को मुसाफिर खाना कहा जाता है, यहां हम सभी मुसाफिर हैं जहां से आए हैं एक दिन वहां ही जाना है हम जहां रहते हैं उसे साकार लोक कहा जाता है इसी सृष्टि मंच भी कहा जाता है इस सृष्टि मंच भी कहा जाता है जहां हम सब कलाकार अभिनय करते हैं इसके ऊपर सूर्य चांद तारागण से भी पर ‘सूक्ष्म लोक’ हैं, वहां हड्डी मांस अथवा शरीर नहीं होता, प्रकाश ही सबकुछ होता है। वहां आवाज नहीं होता, केवल इशारे होते हैं। इस लोक से उपर या परे तीसरा लोक है, जिसे परमधाम, निर्वाण धाम, शांति धाम, मूल वतन, ब्रह्मलोक, मुक्तिधाम नाम से जाना जाता है। वीडियो दृश्य के माध्यम से दिखाया कि जहां चारों ओर सुनहरा लाल प्रकाश फैला हुआ है, जहां सूक्ष्म बिंदु सामान आत्माएं चमक रही है, सबसे उपर स्वयं परमपिता परमात्मा दिव्य ज्योति स्वरुप विराजमान है। मेडिटेशन के लिए यह दृश्य व ज्ञान होना बहुत आवश्यक है। उन्होंने परमधाम में परमपिता परमात्मा से सम्बंध जोड़कर मेडिटेशन करते हुए शांति की गहन अनुभूति कराई गई । सोमवार को अभ्यास करने के लिए उन्होंने स्पिरिचुअल इंजेक्शन (मंत्र ) ‘मैं इस सृष्टि रुपी रंगमंच पर एक महान कलाकार हूं”। उन्होंने लिखकर अभ्यास करने के लिए कहा तथा बताया कि यदि 21 दिन तक 108 बार अनुभव करते हुए कोई अच्छा विचार लिखते हैं, तो तथास्तु हो जाता है। अर्थात सिद्धि हो जाती है, आधा मिनट अनुभव करके फिर लिखना है, ऐसा करने से तनाव के कारण ब्रेन में जो ब्लॉकेज हो जाते हैं, वह खुल जाते हैं क्योंकि लिखने से ब्रेन में मूड को अच्छा करने वाले हार्मोन पैदा होने लगते हैं। इससे मन की सारी बीमारियां दूर हो जाती है। कम से कम 50 बार भी यदि दिन भर में लिखे तो अनिद्रा की बीमारी ठीक हो जाती है। सीवियर डिप्रैशन एमएम से बाहर आ जाते हैं, भय खत्म हो जाता है।
अंत में परिवर्तन उत्सव मनाया गया पहले उसके बारे में उन्होंने बताया कि कोरोना काल में सब कुछ ऑनलाइन हो गया। जिसे हम सब ने स्वीकार किया परिवर्तन किया। वैसे ही सोमवार को परमात्मा की तरफ से एक टर्निंग पॉइंट आया है, अपनी लाइफ को 360 डिग्री परिवर्तन करने का आज से सभी संकल्प करें। अर्थात परिवर्तन को प्रतिदिन 45 मिनट अध्यात्म के लिए अवश्य समय निकालेंगे। अध्यात्म मानव स्वयं को कनेक्ट कर देना सर्वोच्च (परमात्मा) के साथ कनेक्ट होने से उसकी सारी शक्तियां हमारे में आ जाती है। अध्यात्म का बल अखंड आनंद का अनुभव करता है फिर परिवर्तन की आध्यात्मिक दिवाली मंच पर आत्मबल बढ़ जाता है। बेतिया के गणमान्य, मारवाड़ी सम्मेलन के अध्यक्ष, सचिव, मारवाड़ी महिला सम्मेलन की सदस्य, रोटरी क्लब के प्रेसिडेंट- सेकेट्री, मेडिकल कॉलेज की सुप्रीटेंडेंट, आईएमए प्रेसिडेंट, लायंस क्लब, पिंजरा पोल गौशाला, पुलिस डिपार्टमेंट से अशोक कुमार, सर्जेंट मेजर अजय कुमार, कृष्ण कुमार गुप्ता आलोक भारती के प्रिंसिपल व ब्रह्माकुमारी भाई बहन, दुआ देने का दीप जलाकर तथा हजारों नगरवासियों ने मोबाइल का टॉर्च जलाकर सेलिब्रेट किया। उसे समय गीत भी बजाया गया। एक दिया दुआ का जलाएं……. फिर छोड़ो कल की बातें कल की बात पुरानी……. गीत पर युवा भाइयों की मसाल रैली हुई इस प्रेरणादाई वातावरण में सब ने उमंग उत्साह से अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन का दृढ़ संकल्प किया। अंत मे रोटरी क्लब प्रेसिडेंट, सेकेट्री और सभी सदस्ययों ने बीके पूनम को शॉल प्रदान कर सम्मानित किया। बिहार प्रादेशिक मारवाड़ी सम्मेलन के अध्यक्ष, सचिव एवं सभी सदस्ययों ने शॉल देकर सम्मानित किया।
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