हंसी मजाक करना तो बहुत अच्छे हैं हंसी मजाक केवल वही अच्छा है। जिसमें रुहानियत हो और जिससे हंसी मजाक किया जायें उस आत्मा को फायदा हों समय सफल हो लेकिन हमने अगर ऐसा हंसी मजाक किया कि किसी को कोई शब्द चुभ गया हो कोई नाराज हो गया और इतना नाराज हुआ कि उसके मन में बदले के भावना जाग गए तां वास्तव में हमारा समय व्यर्थ ही चला गया। रमाणीकता का गुण अच्छा माना लेकिन व्यक्ति समय संगठन स्थान और वायुमंडल के अनुसार ही यह गुण अच्छा लगता है। इनमे सें यदि एक बात भी अनुकूल नही हैं
तो रमणीकता भी व्यर्थ की श्रेणी में गिने जाते हैं और सर्टिफिकेट यही मिलेगा कि हंसाते तो बहुत हैं लेकिन बोलते बहुत हैं कई लोग कहते हैं कि मेरा स्वभाव ही ऐसा हैं। लेकिन भगवान पूछते हैं कि यह किस प्रकार का स्वभाव हैं मैंने तो आपका स्वभाव अपने जैसे बना कर इस धरती पर भेजा था। फिर आप यह स्वभाव कहा से ले आए वास्तव में हमारा बोल चाल सदा ऐसा होना चाहिए जो सुनने वाले चात्रक की तरह से उत्सक हों।