भारी वर्षापात देख बाढ़ का संकेत नियंत्रण कक्ष ने सतर्कता के प्रति सावधान किया
बेतिया: पश्चिम चम्पारण जिला और पड़ोसी राष्ट्र नेपाल स्थित गंडक नदी के जल अधिग्रहण क्षेत्र में लगातार हो रही वर्षापात से भारत नेपाल सीमा स्थित वाल्मीकिनगर गण्डक बराज से 1 लाख 26 हज़ार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। उसके बाद गण्डक नदी के जलस्तर में तेजी से वृद्धि हुई है, तथा विभिन्न तटबंधों पर दबाव बढ़ा है। भारत नेपाल सीमा पर स्थित गण्डक बराज के कुल 36 फाटक खोल दिये गए हैं। इसके जल संसाधन विभाग के अभियंताओं को निगरानी के निर्देश प्रशासनिक स्तर पर दिया गया है। बराज नियंत्रण कक्ष में 4 शिफ़्ट में मॉनिटरिंग की जा रही है। पश्चिम चम्पारण जिला में तीन दिन से रुक-रुक और नेपाल में लगातार वर्षा हो रही है। बिहार समेत कई राज्यों में अगले 24 घन्टे में भारी वर्षा के अनुमान का संकेत मौसम विभाग ने दिया है। उधर भारत नेपाल सीमा स्थित गण्डक बराज के सभी फाटक खोलने से बिहार विशेषकर पश्चिम चम्पारण, पूर्वी चम्पारण, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। जल संसाधन विभाग के अभियंताओं को निगरानी के आदेश दियागया हैं। उसके बाद बराज नियंत्रण कक्ष में 4 शिफ़्ट में मॉनिटरिंग की जा रही है। नेपाल में लगातार वर्षा से जनजीवन अस्त व्यस्त है, जिसका प्रभाव गंडक नदी के जलस्तर पर पड़ना सुनिश्चित है। उसके कारण गंडक नदी के तटीय क्षेत्रों में बाढ़ की संभावना बढ़ने के संकेत दे दिए गए हैं। गंडक नदी के जलस्तर में वृद्धि के दृष्टिगत नीचले क्षेत्र में में एकबार फिर बाढ़ की आशंका व्यक्त की गई है। इससे निचले इलाकों में रहने वाले लोगों की मुश्किल बढ़ सकती है। सरकार और प्रशासन ने नीचले क्षेत्र वासियों को सुरक्षित स्थानों पर जाने का निदेश भी दिया है। सावधानी बरतने के रुप में गंडक बराज के कर्मी कर्त्तव्य निर्वहन में डटे हुए हैं। अभियंताओं की टीम भी चुस्त दुरुस्त निगरानी में हैं। जलस्तर बढ़ने के बाद बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लाेगाें के मन में भय व्याप्त है। उल्लेखनीय है कि वाल्मीकिनगर गंडक बराज की क्षमता 8 लाख क्यूसेक जल संग्रहण की है।