आज के दुनिया में हर एक आत्मा दुखी रहते है। किसी को तन से और कोई मन से किसी धन का तो किसी जन के दुख का है। आज पूरे दुनिया में एक भी आत्मा ऐसे नही है। जो सौ प्रतिशत दृढ़ता से कहे कि मै पूर्णरुप से सुख हुँ मुझे कभी भी किसी भी प्रकार का दुख नही होता सच में यह दुनिया पूर्णरुप से दुख धाम नरक बन चुके है।
पर एक बार अपने मन से सच्चे दिल से स्वयं से पूछो कि क्या हम सचमुच दुनिया छोडने के लिए तैयार है। पर एक सेेकण्ड में सब कुछ झोड कर खुशी से उनके साथ चलेंगें परमपिता परमात्मा के साथ हम सभी जानते है। हम रहना भी यही चाहते है। और दुखो से भी छुटना चाहते है।