Wed. Oct 16th, 2024

इस  वर्ष  गेहूं-चना बोने वाले किसानों को 18  से 20 प्रतिशत का पैदावार में नुकसान हुआ है। क्योंकि गेहूं और चना की फसल को फरवरी महा  में जब फूल फल लग रहे थे, तब ठंड चाहिए था। उस समय पारा 22 से 30 डिग्री के अंदर होना था। लेकिन उस समय तेज धूप पड़ी। इसलिए ठीक से फूल नहीं लग पाए। जो फूल लगे और फल बने उन्हें मार्च में धूप चाहिए था, तब मौसम बदल गया और बादल छा गए औैर वर्षा  भी हुई। इस वजह से पैदावार प्रभावित हुआ है।

गेंहू चना की फसल को लेकर कृषि विभाग, राजस्व विभाग की टीम सर्वे कर रही है। गांव-गांव जाकर जहां से मौसम की वजह से फसल को नुकसान होने की शिकायत मिली है। वहां विभाग के अधिकारी मौके पर जाकर सर्वे कर रहे हैं कि किसानों को कितना नुकसान हुआ है। पेंड्रावन, घोटा, डोलकी, हिर्री, बिरेझर, पुरदा, बोरी, लिटिया, सेमरिया आदि क्षेत्र में चना और गेंहूं काफी प्रभावित हुआ है। किसानों ने इसकी शिकायत भी की और क्षतिपूर्तिया की मांग भी की है।

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