ये लड़किया उस समाज से आती है , जहां के पुरुष आज की मुख्यधारा से जुड़े नही हैं। ऐसे मे महिलाओं को आगे बढ़ने की बात तो बेमानी है। लेकिन इसी समाज की कुछ लड़कियां ऐसे भी हैं, जो अपनी लगन और इच्छाशक्ति से समाज की मुख्य धारा से जुड़ीं। छोटी सी उम्र में ही अपने समाज के लिए ही नही दूसरों के लिए प्रेरणा बन गई हैं।
जिले के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र से आने वाली इन लड़कियों ने छोटी से उम्र में दोहरा संघर्ष करके शिक्षा का मार्ग चुना है। पिछले इलाकों में रहने की वजह से इनकी जीवन शैली कस्बों और शहरी क्षेत्रों में रहने वाली लोगो काफी अलग है। ऐसे मे यदि लड़की पढ़ाई और आगे बढ़ने की इच्छा लेकर किसी तरह घर से बाहर निकलती हैं, तो उसका पहला संघर्ष अपने आप को समाज की मुख्यधारा में एड़जस्ट करने का रहना है। इसके बाद ही पढ़ाई लिखाई करके कुछ बनने की ओर लगन रहती है।