उन्होंने आम बजट को गरीबों पर एक गुप चुप स्ट्राइक’ करार दिया है। उन्होंने कहा है कि चाहे गरीब हो या अमीर मध्यम वर्ग, गाव हो या शहर, सभी रुपये में आ रही गिरावट और आय में कमी जैसी समस्याओं को झेल रहे हैं। एक अखबार में छपे लेख में सोनिया गांधी ने कहा बजट में गरीब और मध्यम वर्ग के लिए आवंटन को कम करके स्थिति को और खराब किया जा रहा है। उन्होंने कहा, चार साल में कीमतों में वृद्धि का मतलब है कि रुपया 2018 की तुलना में काफी नीचे गिर गया है। सोनिया गांधी ने कहा मोदी सरकार के निजीकरण ने राष्ट्रीय संपत्तियों को बहुत ही सस्ते में निजी हाथों में सौंप दिया है, इससे बेरोजगार बढ़ता जा रहा है। उन्होंने कहा, यहां तक कि सरकार एलआईसी और एसबीआई जैसे सार्वजनिक संस्थानों को भी अपने खास दोस्तों के स्वामित्व वाली प्रबंधन कंपनियों में निवेश करने के लिए मजबूर कर रही है, इससे करोड़ों गरीब और मध्यम वर्ग के भारतीयों की गाढ़ी कमाई को भी खतरा है।