Thu. Mar 28th, 2024

गाव अछोली के अल्प प्रवास पर पहुंचे जैन संत युवाचार्य भगवन महेंद्र ऋषि मसा ने गांव के स्थानक भवन में प्रवचन देते हुए कहा कि जिनेश्वर देव की वाणी हमारे प्रभु भगवान महावीर की जिनवाणी आत्मा को परमात्मा व जीव को शिव बनने की राह बतलाता है। यह व्यक्ति के कल्याण का मार्ग बताता है। बस जरूरत है प्रभु के बताए गया मार्ग पर चलने की बात कहा है

धर्म तो अपने अंदर की सरलता में ही संभव है। सरलता वहीं होती है जो अपने आप को स्पष्ट करें। कथनी व करनी में कहीं फर्क ना हो। अनुकंपा व करुणा में धर्म प्रगट होता है.सरलता से ही अनुकंपा व करुणा आ सकती है। धर्म का अर्थ है स्वभाव । सरल व्यक्ति ही स्वभाव में रहता है। संत हितेंद्र ऋषि मसा ने कहा कि अनन्त पुण्वानी के उदय से मानव जन्म व मिला है , जिनवाणी मिली है, चिंतन करें कि क्या हम इसका सदुपयोग कर रहे हैं। अपने धर्म के प्रति प्रभु के प्रति सच्ची श्रद्धा भक्ति जगाए। भगवान के बताए मार्ग का अनुसरण करें तभी कल्याण का मार्ग प्रसस्त हो सकता है। सभा मे इंदरचंद बाफना ने विचार व्यक्त किए। एकता जैन ने गीतिका के माध्यम से प्रभु भक्ति की मिसाल पेश की।

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