भिलाई भारतीय संविधान के शिल्पकार भारत रत्न बोधिसत्व ड़ाँ बाबासाहेब के पौत्र भीमराव यशवंत राव आंबेडकर बीते दिवस बुद्ध विहार सेक्टर 6 पंहुचे। इस दौरान उनका ढोल नगाड़ो से स्वागत किया गया। उनके साथ भारतीय बौद्ध महासभा के राष्ट्रीय ट्रस्टी एस आर कानडे बौद्ध भी थे। इस दौरान उपासकों द्वारा त्रिसरण पंचशील बुद्ध वंदना का सामूहिक पाठ किया गया। आंबेडकर नें बुद्ध विहार और नवनिर्मित ड़ाँ बाबासाहेब आंबेडकर आँड़िटोरियम का भी निरीक्षण किया। इस अवसर पर अध्यक्षा वर्षा बागडे़ ऊषा अनिता अरुण अजय रामटेके अनिल साखरे आदि मौजूद रहे है।

भंते नागमित्र ने धम्म वंदना, संघ वंदना, बोधि वंदना, महाबोधि पूजा पर विस्तार से सभी बुद्ध उपासकों को जानकारी दी। बताया कि महाबोधि वृक्ष भगवान बुद्ध के द्वारा पूजा गया है। बोधि सत्य के बताए मार्ग पर चलकर, बुद्ध धर्म को अंगीकार कर व पंचशील के सिद्धांतों को अपना कर जयंती मनाना बुद्ध धर्म के अनुकूल माना गया है। सर्व समाज समरसता विकास समिति के अध्यक्ष गौतम मांडले ने कहा कि भगवान बुद्ध की प्रदीप पूजा, पुष्प पूजा, आहार पूजा, पंचम पूजा, सुगंधी पूजा आदि करना चाहिए। इससे पहले सुबह छोटे-छोटे बच्चों ने भगवान बुद्ध के जीवन पर आधारित विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का प्रस्तुतिकरण किया। यह कार्यक्रम दोपहर तक चला। एक चार पहिया वाहन जिसमें वाहन भगवान बुद्ध का चित्र था। इसके साथ बौद्ध वंदना और गीत चल रहे थे