सुप्रीम कोर्ट ने रामसेतु को राष्ट्रीय स्मारक घोषित किये जाने की मांग पर केंद्र सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए समय दे दिया है। केंद्र सरकार ने आज कोर्ट से जवाब दाखिल करने के लिए समय देने की मांग किया जिसके बाद कोर्ट ने 4 हफ्ते के अंदर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।कोर्ट ने 13 अक्टूबर को केंद्र सरकार से जवाब मांगा था। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता सुब्रमण्यम स्वामी का कहना था कि पिछला लगभग 8 से 9 साल से सुप्रीम कोर्ट में ये मामला लंबित है लेकिन केंद्र सरकार ने जवाब दाखिल नहीं किया कोर्ट ने स्वामी को भी लिखित दलीलो जमा कराने की प्रमीशन दी थी। स्वामी ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि सरकार ने यह तय कर दिया है कि राम सेतु को नहीं तोड़ा जाएगा फिर स्थायी संरक्षण देने में क्या दिक्कत है। पहले की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कहा था कि वो रामसेतु को नहीं हटाएगा। केंद्र ने कहा था कि हम सेतु समुद्र प्रोजेक्ट के लिए अन्य विकल्प तलाशेंगे। पहले की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा था कि वो ये बताए कि वो रामसेतु का संरक्षण करना चाहती है या उसे हटाना चाहती है। कोर्ट ने केंद्र सरकार को इसका जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था।

तमिलनाडु स्थित राम सेतु को राष्ट्रीय विरासत स्मारक घोषित करने की मांग पर सुनवाई करते हुए गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट नें केंद्र सरकार सें 4 सप्ताह में जवाब मांगा है। सुप्रीम कोर्ट नें केंद्र से कहा कि इसके बाद 2 हफ्ते में जवाबी हलफनामा दाखिल किया जाएगा। भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी नें कोर्ट में सवाल उठाया कि कई सालों से यह मामला अटका पडा है। सरकार को इतना बताना है। कि वो रामसेतु को राष्ट्रीय विरासत स्मारक घोेषित करना चाहती है। या नहीं। दरअसल साल 2020 में भी इस मामले में सुनवाई हो चुकी है।