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जिंदगी से खिलवाड़ करने वालों के आगे शासन और प्रशासन बने लाचार, विभाग बना मूकदर्शक

बेतिया: पश्चिम चंपारण जिला मुख्यालय बेतिया में प्रतिबंधित गर्भपात के क्रम में एक निजी नर्सिंग होम में एक गर्भवती की मौत की खबर से मूकदर्शक बना बेतिया का स्वास्थ्य विभाग स्तब्ध है। सिविल सर्जन के निर्देश की धज्जियां उड़ाई जा रही है। अलबत्ता स्वास्थ्य विभाग के सिविल सर्जन और अन्य प्रशासन किंकर्तव्य विमूढ़ बना हुआ है। उल्लेखनीय है कि सोमवार की संध्या मुफस्सिल थाना के रानीपकड़ी(हरि पकड़ी) निवासी राकेश शर्मा की पत्नी चंदा देवी को एक प्रतिष्ठित चिकित्सक के कंपाउंडर ने झोलाछाप नर्स से गर्भपात करा दिया। उसके बाद झोलाछाप नर्स जॉनी ने गर्भपात तो कर दिया। अलबत्ता अत्यधिक रक्तस्राव को रोकने में असमर्थ रही जिससे रक्त अल्पता से चंदा देवी की मृत्यु हो गई। बताया जाता है कि झोलाछाप नर्स जॉनी कई वर्षों से नगर के अस्पताल रोड, हीरा ड्रग के पास में एक किराना जनरल स्टोर के उपरी मंजिल पर गर्भपात व डिलीवरी कराती आ रही रही है। इसमें पूर्व में भी कई मरीज वहां मर चुके हैं, जैसा कि रोगियों के परिजन बताते है।द्रष्टव्य है कि गर्भपात कराना पूर्णतः प्रतिबंधित है, परंतु गर्भपात आम हो गया है। बिहार में पूर्ण प्रतिबंधित शराब, गुटखा, एक नंबरी लॉटरी, पॉलिथिन बैग की भांति गर्भपात का कारोबार परवान पर है। पूर्ण प्रतिबंधित शराब, गुटखा, एक नंबरी लॉटरी, पॉलिथिन बैग सभी एक श्रेणी में आ गए हैं। अब देखना यह है कि स्वास्थ्य विभाग इस पर क्या कार्रवाई करता है। इस संदर्भ में नर्स जॉनी ने बताया कि रोगी को बहुत ज्यादा पसीना और रक्तस्त्राव के कारण उसकी मौत हो गई। इस संदर्भ में सिविल सर्जन डॉ वीरेंद्र कुमार चौधरी ने बताया कि विगत दिनों इस मामले की जांच के लिए टीम गठित कर दी गई है एवं संबंधित पीएसी प्रभारी को निर्देशित किया गया है कि इस मामले पर सख्त से सख्त कार्रवाई करें।

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By Awadhesh Sharma

न्यूज एन व्यूज फॉर नेशन

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