चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने खुद को चुनाव लड़ने का संभावना से शनिवार को इनकार किया, लेकिन अपने गृह राज्य बिहार के लिए एक ‘बेहतर विकल्प’ बनाने की अपनी प्रतिज्ञा दोहराई. पश्चिम चंपारण जिले के मुख्यालय नगर बेतिया में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए किशोर ने उन्हें धंधेबाज’ बताने वाले जनता दल यूनाइटिड के नेताओं पर पलटवार करते हुए कहा कि उन्हें अपनी पार्टी के शीर्ष नेता एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पूछना चाहिए कि उन्होंने “मुझे दो साल के लिए अपने निवास पर क्यों रखा था.
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राजनीतिक दल में बदला जाए या नहीं.
किशोर राज्य की 2 500 किलोमीटर लंबी पद यात्रा पर हैं. उन्होंने कहा कि राज्य के सभी जिलों में इसी तरह से जनता से राय ली जाएग, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी. जदयू के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने दावा किया, अगर मैं नीतीश कुमार के राजनीतिक उद्यम में शामिल हो जाता हूं तो वह एक बार फिर से मुझ पर मेहरबान दिखेंगे. चूंकि मैंने अपने लिए एक अलग रास्ता चुना इसलिए वह और उनके समर्थक मुझसे नाखुश है किशोर ने दावा किया, “कुमार ने 2014 के लोकसभा चुनाव में अपनी पार्टी की हार की जिम्मेदारी लेते हुए नैतिकता के आधार पर अपनी कुर्सी छोड़ दी थी. अब वह सत्ता में बने रहने के लिए किसी भी तरह का समझौता करने को तैयार हैं.”उन्होंने महागठ बंधन सरकार के एक साल में 8 लाख नौकरियों के वादे का उपहास उड़ाते हुए कहा, ‘‘मैंने इसे कई बार कहा है और मैं इसे फिर से कहता हूं. अगर वे वादा पूरा करते हैं तो मैं अपना अभियान छोड़ दूंगा.” किशोर ने चुटकी लेते हुए कहा कि उन्हें आश्चर्य है, हमारे मुख्यमंत्री को यह एहसास क्यों हुआ कि वह 8 लाख नौकरि प्रदान कर सकता हैं. ऐसा लगता है कि उनके पास कुछ अवतरित हुआ है.