बेतिया/अपनी बात: पश्चिम चम्पारण जिला अंतर्गत महात्मा गाँधी के प्रसिद्ध भितिहरवा आश्रम से जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर को कार्यक्रम की अनुमति नहीं मिली है। भितिहरवा आश्रम सूत्रों की माने तो आश्रम में गाँधी जयंती के सरकारी कार्यक्रम के अतिरिक्त किसी कार्यक्रम की कोई अनुमति नहीं है। नरकटियागंज अनुमण्डल पदाधिकारी धनंजय कुमार के अनुसार कोई कार्यक्रम वहां नहीं किया जा सकता है। सरकारी कार्यक्रम 10.30 बजे से प्रारंभ होगा। इसके पूर्व जिला स्थापना स्वर्ण जयंती कार्यक्रम को आश्रम के क्यूरेटर से अनुमति लेकर करने को कहकर उसे टाल दिया। बताया गया कि कार्यक्रम भितिहरवा आश्रम परिक्षेत्र के बाहर कार्यक्रम के बारे में नहीं बता सकते। उधर क्यूरेटर डॉ.शंकर सुमन ने कहा कि किसी को आश्रम में कार्यक्रम की अनुमति नहीं है।
उल्लेखनीय है कि प्रशांत किशोर के जन सुराज अभियान पदयात्रा को लेकर तैयारियां जोर पर है, सोसल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर प्रचार प्रसार खूब किया जा रहा है। बिहार और पश्चिम चम्पारण जिला के बाहर के युवको को रोजगार मिला हुआ है। अलबत्ता पश्चिम चम्पारण जिला के युवाओं को कोई रोजगार नहीं मिला है। प्रशांत किशोर के टेंट लगाए जा चुके हैं, जिसमे ‘जन सुराज पद यात्रा’ में शामिल होने के लिए पहुँचने वाले यात्री ठहरेंगे, जबकि कतिपय सक्रिय कार्यकर्त्ता जो राजस्थान, दिल्ली, मध्यप्रदेश, गुजरात से आये हुए हैं, उन्हें बोधि टी नामक होटल में ठहराए गए हैं। बिहार के लोगों की नब्ज़ टटोलने के लिए प्रशांत किशोर जन सुराज पद यात्रा 02 अक्टूबर 2022 से प्रारंभ कर रहे हैं। उनके सुराज की परिकल्पना के अनुसार सुराज का अर्थ जनता का अच्छा शासन (पीपुल्स गुड गवर्नेंस) है। उनका कहना है कि जन सुराज बनाने के लिए और चलने के लिए जनता के बीच से सही लोग को खोजकर निकलना है। उन्होंने जनता को बताने को कहा है कि सामूहिक प्रयास से ही समाज का उत्थान किया जा सकता है। सबसे महत्वपूर्ण तथ्य यह कि सही लोगों की पहचान (खोज) के लिए मानदण्ड क्या है। वैसे सभी जानते हैं कि भारत के राजनीतिज्ञों की सही पहचान तो अबतक पीके करते रहे हैं लेकिन इस बार बिहार के सही लोगों की पहचान में कितने सफल होंगे यह तो आने वाला वक़्त ही बताएगा। संभावना व्यक्त की जा रही है कि बिहार के लोगों की राय प्राप्त कर प्रशांत किशोर बिहार की राजनीति को नई दिशा देने का कार्य करेंगे। इसके लिए प्रशांत किशोर की टीम के लोग अनुमति लेने के उपरांत राजनीति की नयी पारी की शुरुआत करेंगे। अलबत्ता पीके को भितिहरवा आश्रम से कार्यक्रम की अनुमति नहीं मिलना काफी चर्चा का विषय है।