विभाग पिछले पांच सालों में सरकारी स्कूलों के सभी 15 हजार दिव्यांग बच्चों को कृत्रिम अंग प्रदान कर चुका है। गुर्जर ने बताया कि समय के हिसाब से कृत्रिम अंगों में बदलाव की जरूरत पड़ती है। दिव्यांग बच्चों को सरकार हर सुविधा समय पर उपलब्ध करवाएगी। उनकी शिक्षा पर पहले से विशेष जोर दिया जा रहा है।
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हरियाणा के सभी सरकारी स्कूलों के पहली से 12वीं तक के 15 हजार दिव्यांग बच्चों की स्वास्थ्य जांच होगी। स्कूल शिक्षा विभाग 10 अक्तूबर से 16 नवंबर तक इन बच्चों की जांच के लिए स्वास्थ्य मूल्यांकन शिविर लगवाएगा। तैयारियों के लिए सभी जिलों के एडीसी और शिक्षा विभाग के जिला-ब्लॉक स्तर के अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिया गया है। शिविरों के आयोजन पर करीब 30 लाख रुपये खर्च होंगे। शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर ने बताया कि इस समय प्रदेश के सरकारी स्कूलों में लगभग 15 हजार दिव्यांग बच्चे अध्ययनरत हैं। इन्हें समय-समय पर स्वास्थ्य संबंधी सलाह और उपचार की जरूरत पड़ती रहती है। विभाग ने इसके मद्देनजर समग्र शिक्षा अभियान के तहत एनएचएम और एलिम्को संस्था के साथ मिलकर शिविर लगाने का निर्णय लिया है।
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जिला स्तर पर लगने वाले शिविरों में ब्लॉक अनुसार बच्चों के स्वास्थ्य का मूल्यांकन किया जाएगा। जिन बच्चों को तत्काल सर्जरी की जरूरत होगी, उन्हें बड़े अस्पतालों के लिए भेजेंगे। जिन छात्रों को कृत्रिम अंगों की जरूरत होगी, उन्हें आवश्यकतानुसार चिह्नित कर सूची तैयार की जाएगी। शिविरों में सरकार के प्रतिनिधि और विभाग के अधिकारी दिव्यांग बच्चों को उनके लिए चलाई जा रही योजनाओं के बारे में बताएंगे। विभाग पिछले पांच सालों में सरकारी स्कूलों के सभी 15 हजार दिव्यांग बच्चों को कृत्रिम अंग प्रदान कर चुका है। गुर्जर ने बताया कि समय के हिसाब से कृत्रिम अंगों में बदलाव की जरूरत पड़ती है। दिव्यांग बच्चों को सरकार हर सुविधा समय पर उपलब्ध करवाएगी। उनकी शिक्षा पर पहले से विशेष जोर दिया जा रहा है